मोदी सरकार के खिलाफ सोशल मीडिया पर और सड़क पर खुलकर बोलने वाले दिग्गज फिल्म निर्देशक अनुराग कश्यप के कुछ पुराने पत्र भारतीय जनता पार्टी ने सोशल मीडिया पर लीक कर दिए हैं. ये वो पत्र हैं, जिनके जरिए उन्होंने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से फिल्म बनाने के लिए फंड मांगने की कोशिश की थी.
लेटर्स को भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने ट्वीट किया है. शलभ ने लेटर्स की कॉपी शेयर करते हुए लिखा, “पिटी हुई फिल्मों के लिए सरकारी भीख ना मिली तो अनुराग कश्यप कुंठित होकर गाली-गलौज पर उतर आए, कुछ सरकारें इनकी फ्लॉप फिल्मों पर भी करोड़ों देती थीं, यश भारती के पेंशन की शहद भी चटाती थीं, योगी जी ने मुफ्त की पेंशन बंद कर पैसा गरीबों, विधवाओं, किसानों में बांट दिया, यही चिढ़ है इनकी.”
यूपी बीजेपी के नेता अनुराग कश्यप के ट्विटर पर लिखे जा रहे शब्दों को उत्तर प्रदेश में उनके फिल्मों के लिए मांगी गई सब्सिडी से जोड़कर देख रहे हैं. बता दें कि अनुराग ट्विटर पर भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ बोलते हुए काफी हमलावर हो जाते हैं और कई बार उन्होंने अपने ट्वीट्स में बीजेपी नेताओं के लिए आपत्तिजनक शब्दों का भी इस्तेमाल किया है. लेटर्स की तस्वीरें वायरल होने के बाद अब अनुराग ने भी इसका जवाब दिया है.
क्या है अनुराग कश्यप का जवाब?
अनुराग का कहना है कि बीजेपी उन्हें हर साल बुलाती है लेकिन वो नहीं जाते हैं. उन्होंने अपने ट्वीट में बताया कि पिछले साल ही उन्हें तीन बार बुलाया गया था लेकिन वो नहीं गए. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से कुछ लेटर्स की तस्वीरें ट्वीट कीं और लिखा, “भक्तों के लिए – हर बार बुलाते हैं. तीन बार पिछले साल. नहीं गया क्योंकि पहली बार में दिख गया था क्यों बुलाते हैं. इतना आत्मसम्मान अभी ज़िंदा है. चिट्ठियों की कॉपी मेरे पास भी है.”
मसान के लिए मिले थे 2 करोड़ रुपये
बता दें कि अनुराग कश्यप ने अपनी फिल्म “मुक्केबाज” और ‘सांड की आंख’ के लिए भी उत्तर प्रदेश सरकार से अनुदान मांगा था लेकिन कई औपचारिकताओं के पूरी ना होने की वजह से योगी सरकार ने दोनों फिल्मों में से किसी के लिए अनुदान नहीं दिया था. गौरतलब है कि अनुराग कश्यप की फिल्म “मसान” को अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री काल में दो करोड़ रुपए का अनुदान दिया गया था जो उन्हें 2016 में मिला था.
लेटर्स में क्या थी अनुराग कश्यप की मांग?
अपनी दोनों फिल्म “मुक्केबाज” और “सांड की आंख” के लिए सब्सिडी का आग्रह करते हुए अनुराग कश्यप ने लिखा था कि इन फिल्मों के ज्यादातर हिस्से उत्तर प्रदेश में फिल्माए गए हैं. इसका कथानक और पात्र उत्तर प्रदेश से मिलते हैं इसलिए उत्तर प्रदेश के सरकारी नियमों का हवाला देकर अनुराग कश्यप ने फिल्मों के लिए सब्सिडी की मांग की थी.
क्यों और कैसे मिलता है फिल्ममेकर्स को फंड?
उत्तर प्रदेश सरकार ने हिंदी फिल्मों के प्रमोशन के लिए फिल्म बंधु निगम बनाया है जो उत्तर प्रदेश में फिल्माए गए फिल्मों या उत्तर प्रदेश से जुड़े हुए विषय पर बनाई गई फिल्मों पर दो करोड़ तक की सब्सिडी देता है. इसी नियम के तहत 2016 में अनुराग कश्यप को फिल्म “मसान” के लिए अनुदान मिल चुका है. लेकिन योगी सरकार में दो फिल्मों के लिए मांगे गए सब्सिडी में कोई पैसा नहीं मिला.
बंद हो चुकी है यश भारती सम्मान पेंशन
यही नहीं अखिलेश राज में अनुराग कश्यप को यश भारती सम्मान भी मिल चुका है लेकिन योगी सरकार ने अपने शासन में यश भारती सम्मान के तहत दिए जाने वाली 50 हजार की मासिक पेंशन भी बंद कर दी है. दरअसल यश भारती सम्मान की पेंशन को ही खत्म कर दिया गया है. अनुराग कश्यप लगातार अपने टि्वटर हैंडल के जरिए एनआरसी और सीएए को लेकर केंद्र सरकार और योगी सरकार दोनों पर हमलावर हैं खासकर CAA के खिलाफ हुए प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के बाद से वह लगातार ट्वीट कर रहे हैं.