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Sunday, December 21, 2025
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China said, there are ‘wide differences’ in the Security Council, the need for a ‘package solution’|‘व्यापक मतभेदों’ के चलते सुरक्षा परिषद विस्तार के लिए ‘पैकेज समाधान’ की आवश्यकता: चीन| Hindi News, दुनिया

बीजिंग: सुरक्षा परिषद में भारत के प्रवेश को लेकर अड़ंगा लगाते रहे चीन ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की इस शक्तिशाली इकाई के विस्तार संबंधी सुधारों को लेकर ‘व्यापक मतभेद’ हैं तथा इसके लिए ऐसे ‘पैकेज समाधान’ की आवश्यकता है जिसमें सभी पक्षों के हित और चिंताएं समाहित हो सकें.

सार्थक कदमों की कमी में सुधार की मांग: G-4 समूह  

भारत, जापान, जर्मनी और ब्राजील की सदस्यता वाले जी-4 समूह ने सुरक्षा परिषद के लंबे समय से लंबित सुधारों की दिशा में आगे बढ़ने के लिए ‘सार्थक’ कदमों की कमी को लेकर बुधवार को चिंता जताई और मुद्दे के ‘तत्काल’ समाधान की मांग की.

विदेश मंत्री एस जयशंकर का ट्वीट

विदेश मंत्री एस जयशंकर सहित जी-4 देशों के विदेश मंत्रियों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र से इतर एक डिजिटल बैठक की और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में तत्काल सुधार किए जाने की आवश्यकता पर गहन चर्चा की. जयशंकर ने बुधवार को बैठक के बाद ट्वीट किया, ‘तय समयसीमा में विषय वस्तु आधारित चर्चा के लिए सर्वसम्मत आह्वान.’

सुरक्षा परिषद में सुधार एक महत्वपूर्ण मुद्दा

जी-4 विदेश मंत्रियों के आह्वान के जवाब में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हमारा मानना है कि सुरक्षा परिषद में सुधार एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जो दीर्घकालिक विकास और इसके सदस्यों के सभी तात्कालिक हितों से जुड़ा है.’ उन्होंने कहा, ‘मुद्दे पर व्यापक मतभेद रहे हैं और सुधार के लिए प्रबंधन पर व्यापक सर्वसम्मति की कमी है. चीन पैकेज समाधान प्राप्त करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के अन्य सदस्यों के साथ काम करने की इच्छा रखता है जिसमें वार्ता और चर्चा के माध्यम से सभी पक्षों के हित और चिंताएं समाहित की जा सकें.’

G-4 देशों द्वारा प्रेस नोट

जी-4 देशों ने बुधवार को प्रेस को जारी संयुक्त बयान में समकालीन मामलों को बेहतर ढंग से रखने के लिए संयुक्त राष्ट्र और इसकी मुख्य निर्णयकारी इकाइयों में तत्काल सुधार की आवश्यकता को रेखांकित किया. भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया, ‘जी4 देशों के विदेश मंत्रियों ने इस (सुधार) प्रक्रिया को पटरी से उतारने के प्रयासों पर निराशा व्यक्त की और संयुक्त राष्ट्र की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर इस विषय पर जल्द ही सार्थक कदम उठाने को लेकर प्रतिबद्धता जाहिर की.’

भारत सुरक्षा परिषद में सुधारों का नेतृत्व पहले से कर रहा

संयुक्त राष्ट्र के 75वें वर्ष में भारत अगले साल एक जनवरी से सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के रूप में अपने दो साल के कार्यकाल की शुरुआत करेगा. भारत सुरक्षा परिषद में सुधार के प्रयासों का दशकों से नेतृत्व करता रहा है. उसका कहना है कि 1945 में गठित इकाई 21वीं सदी की समकालीन हकीकतों को नहीं दर्शाती और यह वर्तमान चुनौतियों से निपटने में अधिक सक्षम नहीं है. सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता का भारत प्रबल दावेदार रहा है और उसे स्थायी सीट के लिए इस इकाई के पांच स्थायी सदस्यों में से चार-अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस तथा रूस सहित व्यापक समर्थन प्राप्त है. परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में चीन भी शामिल है जिसे वीटो शक्ति प्राप्त है. वह स्थायी सदस्यता के भारत के प्रयासों में वर्षों से अड़ंगा लगाता आ रहा है.

(इनपुट- एजेंसी भाषा)




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