-अचानक डर जाना और मन में किसी व्यक्ति, वस्तु या घटना का डर बैठ जाना अलग-अलग स्थितियां होती हैं। जब किसी व्यक्ति के मन में लंबे समय तक डर बैठा रहता है तो उसे अलग तरह के मनोविकार होते हैं। जबकि अचानक बहुत अधिक डर जाने पर व्यक्ति अगल तरह से रेस्पॉन्स करता है।
-डर या दहशत का असर सिर्फ हमारे दिमाग और मन पर ही नहीं पड़ता है। बल्कि पाचनतंत्र भी इससे प्रभावित होता है। यही कारण है कि बहुत अधिक डर जाने के कारण कई लोगों को लूज मोशन की समस्या हो जाती है। तो कुछ को डायरिया का सामना करना पड़ता है।
तुरंत राहत देती है अदरक की चाय, जब पेट में हो इस तरह का दर्द
आपने भी किया होगा इस स्थिति का सामना
-कई लोगों को किसी जरूरी मीटिंग, इंटरव्यू या एग्जाम से पहले प्रेशर बनने लगता है। इनमें से कुछ लोगों को यूरिन जाने की जरूरत पड़ती है जबकि कुछ लोगों को पॉटी का प्रेशर बनता है।

मानसिक तनाव के कारण पॉटी आना
इसलिए होती है यह समस्या
-प्रेशर के कारण पॉटी की समस्या इसलिए होती है क्योंकि तनाव, डर या चिंता के कारण शरीर में पित्त की मात्रा बढ़ने लगती है। यह पित्त आपके पाचनतंत्र को अतिसक्रिय करते हुए पेट उत्तेजना बढ़ाता है। इस कारण आपको पॉटी जाने की जरूर पड़ती है।
एड्रिनल हॉर्मोन भी है वजह
-कुछ लोगों के शरीर में एड्रिनल हॉर्मोन का स्तर गड़बड़ाया हुआ रहता है। ऐसा आमतौर पर उन लोगों के साथ होता है, जो बहुत चिंतालु प्रवृत्ति के होते हैं। ऐसे में जब भी किसी कार्य का मानसिक दबाव इन पर पड़ता है तो ये बहुत अधिक चिंता में पड़ जाते हैं और एड्रिनल हॉर्मोन का लेवल डिस्टर्ब हो जाता है। इस कारण इन्हें हल्के पेट दर्द के साथ पॉटी आने की शिकायत होती है।

परीक्षा से पहले पॉटी आना
सायकॉलजी में इसकी वजह
-सायकाइट्रिस्ट्स के अनुसार, किसी एग्जाम या इंटरव्यू से पहले पॉटी आना या थोड़ा भी तनाव होने पर पॉटी आने लगना जैसी समस्या को एंग्जाइटी डिसऑर्डर कहते हैं।
उपचार से जुड़ी बातें
-हम सभी को किसी ना किसी चीज से डर लगता है। लेकिन यदि आपका यह डर आपको मानसिक या शारीरिक समस्याओं का शिकार बना रहा है तो आपको मेडिकल हेल्प लेनी चाहिए।
-अपने डर से मुक्ति पाने के लिए आप आयुर्वेदिक चिकित्सा की सहायता ले सकते हैं। या फिर सायकाइट्रिस्ट से भी अपना इलाज करा सकते हैं। ये स्थितियां पूरी तरह ट्रिटेबल हैं और उपचार के बाद रोगी पूरी तरह स्वस्थ हो जाता है।
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