https://www.biskitjunkiehouston.com/menu

https://www.menuhartlepool.com/

slot server jepang

Monday, December 22, 2025
HomestatesChhattisgarhछत्तीसगढ़ी विशेष - कुसियार के छोही मा गुर चुरो ले हुम देहे...

छत्तीसगढ़ी विशेष – कुसियार के छोही मा गुर चुरो ले हुम देहे बरोबर ममहाथे

नगदी फसल उपजावव अउ मने मन मुसकावव.

नगदी फसल उपजावव अउ मने मन मुसकावव.

पानी पिये के थेगहा राखना हे ते गुड़ के ढेली राखे राह. मौका परे मा चना गुड़ मा एक पहर के भूख ला मिटाए जा सकत हे.

  • News18Hindi

  • Last Updated:
    January 20, 2021, 4:28 PM IST

कुसियार रसरसहा होथे. गदगद ले निचो के छोही ला थोकन सुखावन दे. चरखा मा डंगडंग ले सइघो कुसियार समाइस ततके मा छटकत-छटकत रसलगहा धार बोहाए ला धर लेथे. रस-रस ले ढरकत-ढरकत अपन बेरा पाके कड़ाही मा सकेलत रा सकलाइस तहां ले चुल्हा के तियारी करके बने चमचम ले माढ़न दे. बने माढ़गे तहांले आगी ला ढील अउ बइठे-बइठे छोही ला ओइरत रा. छोही के ओइरत मा कांही नइ लागय बस धियान धरे ला. लसलस -लसलस, खदबद-खदबद चुरन दे, चुरे के बेरा भांटा ला पऊल के डार दे, नईते आलू ला पऊल के डार दे. थोकन चुरन फेर कांही जुगाड़ मढ़ा के हेर ले अउ जुड़ावन झन पावन सुवाद लेना शुरू कर. काम के काम अउ सुवाद मिठमिठहा. रबड़ी असन चुरिस तहां पाग ला चिन्हइया चिन्ह डारथें अउ उतार के उही मेरन भुंइया मा बनाए खंचवा मा निथारत ले ढार, जुड़ावत ले दूसर बुता मा लगे रा तोर गुड़ के भेली बनना चालू हो जही.

ये भी पढ़ें : छत्तीसगढ़ी व्यंग्य- चिरई-चुरगुन उपर बर्ड-फ़्लू के आपातकाल

गोबर मा शुद्धिकरण अउ नेंग नियाव मा कुसियार बोवई
गुड़ के पुरती खंचवा बने लिपे रइथे, गोबर-पानी मा लिपे पोते मा बने रइथे नइते गोंटी-मांटी चटके के डर रइथे. भारत भुंइया मा गउमाता के गोबर कतक पबरित होथे एला जानना हे ते शुभ-शुभ काम मा तें उपयोग करके जान लेबे.अब रिहिस निमगा कुसियार. साल के साल बोवातेच हे. गांव-देहात मा गुड़ अउ कारखाना मा शक्कर बनाए जाथे. बोए के बेरा कछारी भूमि मा पैदावार बने होथे अइसे अनुभो करे गेहे. अब एक ठन किस्सा. कबीरधाम जिला मा कवर्धा ले 24 किलोमीटर रइपुर रोड मा दशरंगपुर नाम के गांव हे. मे हा अपन 1962 के किस्सा सुनावत हंव. दशरंगपुर कर्वधा के राजा के ममा जेला सुकुल जी कांहय तेखर गांव हरय. हमर बबा ऊंहा मुखतियारी करिन तेखर सेती हमन ऊंहचे के बाड़ा मा राहन. 12 नांगर के किसानी. नौकर-चाकर दू परानी गाय,भैंस, बइला, भंइसा सब्बो गोंहड़ी अकन.किसानी मा कुसियार नगदी फसल के रूप मा जाने जाथे. बोवाई करेके बेरा गांव ले दुरिहा जगा निरजन खार मा कुसियार ला सइघो सइघो छांट के बोझा-बोझा डोहारंय अउ नांगर जोतत-जोतत ओनारे असन बोये जाए के तियारी राहय. ऊंहा केवल मावा लोगन के काम राहय. काबर के बोवत- बोवत गोहार पार के गारी-गल्ला चलय. एहू एक नेंग असन माने जावय.

नदिया कछार मा साल के साल लुवई टोरई
अब दूसर किस्सा राजिम राज के बतावंव. किस्सा उही कुसियार बोवई के. राजिम ले 8 किलोमीटर दूर गरियाबंद रोड मा चचौद (श्यामनगर) के गांव हावय. उंहा हमर कका ग्राम सेवक रिहिन ते पायके मोला उहंचो पढ़े के मौका मिलिस. चचौद मा कुसियार पइरी नंदिया के तीरे तीर कछार मा बोए जाय. इहां के बोवाई अलग ढंग के राहय. कुसियार ला कुटा-कुटा करके बने आंखी वाला ला छांट-छांट के बिजहा सकेलंय अउ भुंइया मा रात भर उही खेत मा दबा के राख दंय. दूसर दिन मांदा बनाके सब्बो परानी बोवाई मा लग जांए.

अब एही बात हमर छत्तीसगढ़ मा कतक रंग के समझे अउ समझाए के हावय.रंग रंग के संस्कृति ला उजागर करे के हावय. अउ कतको रंग हे ते चरचा होते रहना चाही एखर ले हमर आने वाला पीढ़ी ला नवा नेवरिया अवइया पहुना ला जानकारी मिलत रिही. बहाना कुसियार के अउ ए कोन्हा ले वो कोन्हा तक छत्तीसगढ़ी के जानकार के. जानना अउ जनवाना एही जगत के रीत हरय. (लेखक साहित्यकार हैं और ये उनके निजी विचार हैं.)







Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

RECENT COMMENTS

casino online slot depo 10k bonus new member slot bet 100 slot jepang

slot gacor

slot pusatwin

slot depo 10k

slot bet 200

pusatwin slot

slot thailand

slot bet 100

slot bet kecil

slot depo 10k

slot depo 10k

spaceman slot

slot777

slot depo 10k slot gacor slot depo 10k slot bet 100 slot777 slot depo 5k slot online slot server jepang scatter hitam