- बगैर पिट पास और कागजों के लोडिंग का खेल कर रहे कर्मचारियों के वीडियो भास्कर के पास मौजूद
- घाट नीलाम नहीं फिर भी बेधड़क खुदाई, वह भी रास्ते में खुलेआम 24 घंटे लोडिंग के पोस्टर लगाकर
- खदान मालिकों ने माफिया के हवाले किया काम, इसीलिए 4-5 हजार की एक हाईवा रेत 7-8 हजार में
Dainik Bhaskar
Feb 01, 2020, 09:35 PM IST
रायपुर । (असगर खान/प्रमोद साहू) . कीमती खनिज में सिंडीकेट बनते रहे हैं, लेकिन हालात ये हैं कि रायपुर से महज 30 किमी दूर रेत वालों ने न सिर्फ सिंडीकेट खड़ा कर लिया, बल्कि पूरा धंधा माफिया की तरह चल रहा है। महानदी के जो रेत घाट सरकार ने टेंडर करके नहीं खोले, माफिया ने खोल लिए हैं। सरकार कहती है, दिन में रेत उत्खनन और लोडिंग करो, तो माफिया ने गली-गली में पोस्टर लगा दिए हैं कि चौबीसों घंटे रेत की लोडिंग की जाएगी। लोडिंग में भी जबर्दस्त गोरखधंधा और मनमर्जी का रेट है। सरकारी कीमत से लगभग ढाई गुना। भास्कर टीम ने यह सारा कारोबार वीडियो में कैद दिया है, क्योंकि इस सिंडीकेट ने राजधानी समेत लगभग सभी शहरों में रेत के रेट के नाम पर कमर तोड़ दी है। रेत का जो ट्रक (हाईवा) किसी भी स्थिति में 5 हजार रुपए से अधिक में नहीं मिलना चाहिए, 7-8 हजार रुपए में लोग खरीद रहे हैं। बाजार में इस तरह रेत कम की गई है ताकि मोलभाव के बजाय जिस कीमत पर मिले, लोगों को खरीदना होगा।
जिले में 9 रेत घाट सरकारी तौर पर नीलाम हो गए हैं। आम लोगों को राहत देने के लिए राज्य सरकार ने जिले के रेत घाट रिवर्स बिडिंग से निजी हाथों में सौंपे। टेंडर के बाद प्रशासन ने दावा किया था िक अब रेत का रेट कम हो जाएगा। लेकिन सिंडीकेट ने उसी बढ़े रेट पर कारोबार शुरू कर दिया है। इन घाटों में ट्रकों पर रेत की लोडिंग करवाने वाले मुंशी और कर्मचारी लोडिंग चार्ज खुलेअाम तीन गुना तक पता रहे हैं। बिना टाइमिंग के पिट पास भी वही उपलब्ध करवा रहे हैं, बस रेट उनका होना चाहिए। ज्यादातर रेत खदान जिन लोगों को नाम पर हैं, वहां मालिक नहीं अाते बल्कि बरसों से घाटों पर कब्जा जमाए ठेकेदार ही दिख रहे हैं। इसे अासानी से पेटी कांट्रैक्ट कहा जा रहा है। खदानों में क्या चल रहा है, यह भी जानिए। जैसे, रॉयल्टी शुल्क मिलाकर रेत घाट वालों को एक हाइवा लोडिंग का 1680 रुपए लेना है। शेष|पेज 14
लेकिन रेत घाट पर बिना पिट पास के 2500 और पिट पास के साथ 3500 रुपए में खुलेअाम लोडिंग चल रही है। रेत घाटों में ही लोडिंग चार्ज ज्यादा वसूल करने की वजह से सप्लायर लोगों को 7 हजार रुपए या अधिक में एक हाइवा रेत बेच इसकी एकमात्र वजह यही है कि रेत की अवैध लोडिंग और ट्रांसपोर्टेशन के बाद सप्लायरों को भी यही रेट पड़ रहा है। इसीलिए राजधानी समेत प्रदेश के हर शहर में रेत वास्तविक रेट से दोगुनी कीमत पर है।
नए मालिक नजर नहीं आते : रायपुर जिले में 9 रेत घाट नीलाम हुए हैं। इनमें गौरभाट का रेत घाट आशीष मयंक पांडे, कागदेही का जितेंद्र कुमार साहू, कुरुद का आनंद कुमार अग्रवाल, पारागांव का विजय कुमार साहू, कुम्हारी का शुभम जाजोदिया, लखना का अनिकेत सिंग, सुंगेरा का जितेंद्र जायसवाल, पारागांव का मोहम्मद सलीम मेमन और हरदीडीह का शत्रुहन केंवट के नाम पर है। दैनिक भास्कर जितने भी घाट पर गई, लोगों ने बताया कि नए मालिक को देखा तक नहीं। सभी रेत घाटों पर पुराने और बड़े ठेकेदार ही बैठे हैं। जानकारों का दावा है, ज्यादातर ने पुराने ठेकेदारों को ही घाट दे दिए हैं।
सिंडीकेट में उलझ गई रेत : जिले में रेत का बाकायदा सिंडीकेट बनने की सूचना है। सिंडीकेट ने ही तय किया है कि कोई भी घाट संचालक ढाई हजार रुपए गाड़ी से कम में लोडिंग नहीं करेगा। इसीलिए सभी रेत घाट में एक हाइवा लोडिंग के लिए बिना पिट पास के 2500 और पिट पास के साथ 3500 रुपए देने ही पड़ रहे हैं। सिंडीकेट चलाने वालों का दावा है कि प्रभावशील राजनेताओं के रिश्तेदारों या समर्थकों तक को एक ट्रिप का 250 से 500 रुपए तक देना पड़ रहा है। इसीलिए सिंडीकेट ने एक हाइवा लोडिंग की न्यूनतम कीमत 2500 रुपए कर दी गई है।
दस्तावेजों में बंद चिखली घाट चौतरफा खुला, जमकर लोडिंग : भास्कर टीम ने आरंग से बिलकुल लगे चिखली रेत घाट खुलेआम अवैध लोडिंग पकड़ी। इस घाट की नीलामी नहीं हुई है, अर्थात सरकारी तौर पर यह घाट बंद है। लेकिन मौके पर पूरा गोरखधंधा खुला है। रेत सिंडीकेट ने नदी किनारे एक झोपड़ी बना रखी है, जो उनका दफ्तर है। वे यहां अाने वाली हर गाड़ी से 1700 रुपए लोडिंग चार्ज ले रहे हैं। बंद घाट में भी रेत लोड करने के लिए नदी में पांच मशीनें उतार दी गई हैं। इस घाट में चौबीसों घंटे लोडिंग हो रही है। भास्कर टीम ने पूछताछ की तो मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि सबको पता है, यहां से रेत निकालकर बेच रहे हैं।
सबको हिस्सा देते हैं, कोई कुछ बोलेगा भी कैसे?
अफसर एक तो जाते नहीं दूसरा, हैं भी गिनती के ही : जिला खनिज विभाग के पास इन रेत घाटों पर कार्रवाई के लिए केवल दो खनिज निरीक्षक हैं। रायपुर के लिए तीन पद स्वीकृत हैं, लेकिन नियुक्ति केवल दो की ही है। इन खनिज निरीक्षकों से दूसरे काम भी लिए जाते हैं। इसलिए ये रेत घाटों की ओर कभी-कभार ही जाते हैं। इधर दूसरी ओर रेत सप्लायरों का कहना है कि खनिज निरीक्षकों, खनिज अधिकारी और सभी की मिलीभगत से ही रेत घाट में खुले आम अवैध लोडिंग का खेल हो रहा है।
अफसर एक तो जाते नहीं दूसरा, हैं भी गिनती के ही : जिला खनिज विभाग के पास इन रेत घाटों पर कार्रवाई के लिए केवल दो खनिज निरीक्षक हैं। रायपुर के लिए तीन पद स्वीकृत हैं, लेकिन नियुक्ति केवल दो की ही है। इन खनिज निरीक्षकों से दूसरे काम भी लिए जाते हैं। इसलिए ये रेत घाटों की ओर कभी-कभार ही जाते हैं। इधर दूसरी ओर रेत सप्लायरों का कहना है कि खनिज निरीक्षकों, खनिज अधिकारी और सभी की मिलीभगत से ही रेत घाट में खुले आम अवैध लोडिंग का खेल हो रहा है।
इस तरह से हो रही वसूली
रेत घाट |
सरकारी चार्ज | अवैध लोडिंग | पिट पास के साथ |
कुरुद आरंग | 1680 | 2500 | 3500 |
हरदीडीह | 1680 | 2300 | 3500 |
गौरभाट | 1680 | 2500 | 3500 |
कुम्हारी | 1280 | 2500 | 3500 |
कुरुद कुटेला (आरंग का रेत घाट)
रिपोर्टर: कंस्ट्रक्शन का काम करना है, हमें सस्ती रेत चाहिए।
कर्मचारी: पिट पास के साथ 3500 और बिना पास के 2500 रुपए लगेंगे।
रिपोर्टर: लेकिन सरकारी लोडिंग चार्ज तो कम है फिर ज्यादा क्यों ले रहे हो?
कर्मचारी: इस घाट में यही रेट चलता है, सस्ती चाहिए तो इनसे बात कीजिए।
(फिर एक कागज पर दाऊजी और मोबाइल नंबर लिख दिया)
हरदीडीह रेत घाट
रिपोर्टर: आरंग के पास काम मिला है, हर दिन 4-5 गाड़ी रेत रेत लगेगी।
कर्मचारी: पिट पास के साथ 3500 रुपए लगेंगे। बिना पास के 2300 में दे देंगे।
रिपोर्टर: हर दिन गाड़ियां लगेंगी। जो सरकारी रेट है उस कीमत पर लोड करिए।
कर्मचारी: थोड़ी देर बैठिए, मैनेजर साहब आ रहे हैं उनसे बात कर लीजिए।
फिर मैनेजर आया : रोज चाहिए तो भी यही रेट है।
रिपोर्टर: रात में रेत लगेगी तो गाड़ियों में लोड करेंगे क्या?
मैनेजर: किसी भी समय में करेंगेे। रात में पिट पास नहीं देंगे।
बिलासपुर के रेत घाटों में सिंडीकेट कर रहा काम, मनमानी वसूली
बिलासपुर। (सुनील शर्मा). जिले के नीलाम हो चुके अधिकांश रेत घाटों में अब सिंडीकेट काम कर रहा है। इसमें नेताओं के साथ ही शराब के पुराने कारोबारी, जमीन का धंधा करने वाले लोग जुड़े हैं। दैनिक भास्कर की पड़ताल में सरकंडा, मंगला, घुटकू और लच्छनपुर रेत घाट में पता लगा। यहां के कर्मचारियों ने ही सिंडीकेट होने की बात कही। सिंडीकेट बनाने की पीछे रेत पर अपना कंट्रोल रखना है। इन चारों घाटों में सिंडीकेट काम कर रहा है। यहां रोज सैकड़ों गाड़ियों में बगैर रायल्टी लिए रेत लोड हो रही है। वे ट्रैक्टर वालों से 300 से 600 रुपए तक वसूल रहे हैं, जबकि हाइवा वालों से 1530 रुपए की जग 1800 रुपए लिया जा रहा है। मामले में खनिज विभाग के उप संचालक दिनेश मिश्रा का कहना है कि शिकायत व बयान के आधार पर घाट संचालकों को नोटिस भेजा गया है।
नियम सूर्योदय से सूर्यास्त तक लोडिंग का, लेकिन 24 घंटे चालू रहने के खुले पोस्टर
आरंग से लगभग 14 किमी दूर हरदीडीह मार्ग पर जितने भी मोड़ हैं, वहां खुलेअाम बैनर टांग दिए गए हैं कि 24 घंटे रेत की लोडिंग हो रही है। जबकि रेत खदान सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही चालू रखने का नियम है। चूंकि खुला खेल है, इसलिए सप्लायरों की गाड़ियां भी दिन-रात धड़ल्ले से जा रही हैं। भास्कर ने गांववालों से पूछा कि ऐसा बैनर नियमों के खिलाफ है, तो उन्होंने कहा-रेत वालों का दबदबा है। अफसरों को भी पता है। वो नहीं रोकते तो हम क्यों रोकें?
वीडियो में दावा-बिना पिट पास का लो, सस्ता पड़ेगा
दैनिक भास्कर की टीम रेत घाटों में ठेकेदार बनकर पहुंची। भास्कर रिपोर्टरों ने कहा कि आरंग के पास कंस्ट्रक्शन का काम शुरू करना है। बड़ी संख्या में रेत गाड़ियों की जरूरत होगी। इसलिए रेत सस्ती चाहिए।
सख्ती से निपटेंगे
जिन रेत घाटों का टेंडर हुआ, सबको पिट पास दिया है। तय सरकारी कीमत से ज्यादा लोडिंग चार्ज नहीं ले सकते। ऐसे लोगों से सख्ती से निपटेंगे। -डॉ. एस भारतीदासन, कलेक्टर, रायपुर
कार्रवाई करेंगे
रेत घाट पर कार्रवाई करते हैं, लेकिन अवैध लोडिंग के वीडियो-फोटो अगर अापके पास हैं तो दीजिए। मैं अफसरों को भेजकर कार्रवाई करवाता हूं। -हरकेश मारवाह, जिला खनिज अधिकारी
Source link