- पूर्व मुख्यमंत्री जोगी के मरवाही सदन बंगले में 15 जनवरी को कर्मचारी ने की थी आत्महत्या
- मृतक के परिजनों के आरोपों पर पुलिस ने दर्ज किया था आत्महत्या के लिए उकसाने का केस
Dainik Bhaskar
Feb 11, 2020, 01:42 PM IST
बिलासपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी के मरवाही सदन बंगले में कर्मचारी के मौत के मामले में हाईकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। इसके बाद अब कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। हाईकोर्ट जस्टिस आरपी शर्मा की सिंगल बेंच में मामले की सुनवाई हुई। बिलासपुर स्थित जोगी के बंगले में कर्मचारी संतोष कौशिक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। मृतक के भाई ने अजीत जोगी और उनके बेटे अमित जोगी के खिलाफ सिविल लाइन थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी। इसी एफआईआर को निरस्त करने की मांग को लेकर जोगी पिता-पुत्र ने हाईकोर्ट में याचिका दयार की है।
अजीत जोगी के अधिवक्ता ने मंगलवार को बहस पूरी की। इसमें तर्क दिया गया कि एफआईआर में कही भी प्रताड़ना का आरोप नहीं है। अगर कर्मचारी प्रताड़ित होता तो नौकरी छोड़ सकता था। अब इस मामले में कभी भी कोर्ट अपना फैसला सुना सकती है। बीते 15 जनवरी को जोगी के बंगले के केयरटेकर संतोष कौशिक उर्फ मनवा ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी। मृतक के भाई कृष्ण कुमार और परिजनों ने जोगी परिवार पर आरोप लगाया है कि संतोष को चोरी के नाम पर डराया जा रहा था। वहीं अमित जोगी ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण और राजनीतिक प्रतिशोध की भावना बताया था।
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