रिपोर्ट: लखेश्वर यादव
जांजगीर-चांपा: जिले में रंग पंचमी के दिन छत्तीसगढ़ के उज्जैन के नाम से विख्यात जांजगीर क्षेत्र के पीथमपुर गांव में बाबा कलेश्वर नाथ की बारात धूमधाम से निकाली गई. परंपरा के अनुसार इस अवसर पर देश के अलग-अलग अखाड़ों के नागा साधुओं ने शौर्य का प्रदर्शन किया. जिसे देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग दूर-दूर से पहुंचे. मान्यता है कि बाबा कलेश्वर नाथ के दर्शन मात्र से निसंतानों को संतान की प्राप्ति होती है. वहीं पेट संबंधी पुराने से पुराने रोग से भी निजात मिलती है.
जांजगीर के पीथमपुर स्थित बाबा कलेश्वर नाथ पर लोगों की अगाध आस्था है. लोग बाबा कालेश्वर नाथ को क्लेश हरने वाला मानते हैं. यही वजह है की रंग पंचमी के दिन बाबा कलेश्वर नाथ की बारात में शामिल होने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं. पीथमपुर में शिव बारात निकालने की पुरातन परंपरा चली आ रही है. यह बारात बाबा कलेश्वर नाथ मंदिर प्रांगण से प्रारम्भ हो कर वापस मंदिर में समाप्त होती है. बारात के दौरान चांदी से बनी विशाल पालकी में बाबा कलेश्वर नाथ को नगर भ्रमण कराया जाता है. हसदेव नदी के तट पर प्रतिमा को स्नान करा कर महा आरती की जाती है.
15 दिवसीय मेला शुरू
महाआरती के बाद बाबा कलेश्वर नाथ की मूर्ति को वापस मंदिर में स्थापित किया जाता है. इस बारात में अलग-अलग अखाड़ों के नागा साधुओं की भूमिका अहम रहती है, जो अपने अखाड़ों का शौर्य प्रदर्शन करते हैं. पीथमपुर में बाबा कलेश्वर नाथ की बारात के बाद रंग पंचमी के दिन से 15 दिवसीय मेले की शुरुआत हो गई, जिसमें प्रदेश भर से दर्शनार्थी शामिल होने पहुंचे हैं.
ये है मान्यता
लोगों का मानना है कि रंग पंचमी के दिन कलेश्वर बाबा के दर्शन करने से कई लाभ होते हैं. इसमें सबसे बड़ा लाभ निसंतान महिलाओं को होता है. यदि किसी को पेट की पुरानी समस्या है तो वह भी दूर हो जाती है. यही कारण है कि लोग यहां बड़ी संख्या में शामिल होते हैं.
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Tags: Chhattisgarh news
FIRST PUBLISHED : March 12, 2023, 20:02 IST
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