भोपाल। मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्य सचिव भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की वरिष्ठ अधिकारी रही निर्मला बुच (Nirmala Buch) का भोपाल में निधन हो गया। वे पिछले कई दिनों से बीमार चल रही थी। वे 97 वर्ष की थी। वे भारतीय प्रशासनिक सेवा में 1960 बैच की IAS अधिकारी थी। उनके पति महेश नीलकंठ बुच (MN Buch) भी आईएएस अधिकारी थे। निर्मला बुच ने मध्य प्रदेश की पहली और एकमात्र महिला मुख्य सचिव के दायित्व का निर्वहन किया था। वे देश की पहली महिला मुख्य सचिव भी बनी थीं।
वह मध्य प्रदेश और केंद्र में अनेक महत्वपूर्ण पदों पर रही। वे अत्यंत अध्ययनशील महिला थीं, उन्हें कई भाषाओं का ज्ञान था। वे 1961 से लेकर 1993 तक मध्य प्रदेश सरकार और भारत सरकार में विभिन्न विभागों के प्रशासन एवं प्रबंधन के पदों पर रही और सफलतम कार्य किया। वह महिलाओं की गरिमा की अनथक संरक्षक, सादगी और स्वच्छंदता पसंद निर्मला बुच जब देवास में कलेक्टर थी, तब पड़ोसी जिले उज्जैन के कलेक्टर एम.एन. बुच के प्रतिभाशाली व्यक्तित्व से इतनी प्रभावित हुई कि दोनों परिणय सूत्र में बंध गए। उनका एक पुत्र है। प्रशासनिक पदों पर रहते हुए निर्मला बुच ने सरकार और गैर सरकारी संगठनों को साथ मिलकर शोध, प्रबंधन और समाज को ताकत देने की लगातार वकालत की। उन्होंने विकास के जो मॉडल तैयार किए वे मील का पत्थर साबित हुए। तत्कालीन मुख्यमंत्री उमा भारती ने मुख्यमंत्री बनने पर निर्मला बुच को अपना सलाहकार नियुक्त किया था। उन्होंने कई पुस्तकों का संपादन भी किया है। दिल मिला मुझको मध्य प्रदेश की आयरन लेडी के नाम से भी जाना जाता था सेवानिवृत्त होने के बाद में उन्होंने कई समाजसेवी संगठनों के साथ मिलकर काम किया और मध्यप्रदेश के कल्याण के लिए खुद ही स्वयंसेवी संगठन का निर्माण किया। आपको बता दें कि निर्मला बुच के पति एमएन बुच का निधन 8 साल पहले 6 जून 2015 को हो गया था।