भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने एक झटके में 46 निगम, मंडल, आयोग और बोर्ड में की गई सभी राजनीतिक नियुक्तियों को रद्द कर दिया है। ये वो नेता हैं, जिन्हें पिछली शिवराज सिंह चौहान सरकार ने इन संस्थाओं में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद पर बिठाया था। इन्हें कैबिनेट मंत्री और राज्यमंत्री का दर्जा देकर मंत्री के समकक्ष सुविधाएं दी थीं।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर मंगलवार को एक नोटशीट के जरिए मुख्य सचिव वीरा राणा ने तत्काल प्रभाव से सभी नियुक्तियां रद्द कर दीं। सम्बंधित विभागों को इन नियुक्तियों को निरस्त करने के आदेश जारी करने को कहा गया है। मोहन यादव सरकार का यह फैसला पार्टी नेताओं को भी हतप्रभ कर गया। जिन्हें हटाया गया, उनमें से ज्यादातर का कार्यकाल अभी बचा हुआ है। कई नेता वे भी हैं, जिन्होंने बीजेपी के संगठन मंत्री के तौर पर लंबी सेवाएं दी थीं। उनके योगदान के चलते पार्टी ने उन्हें निगम मंडल में यह प्रतिष्ठापूर्ण पद सौंपा गया था।
बताया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने आजकल कांग्रेस तोड़ो अभियान चला रखा है। पंच हो या सरपंच या फिर जनपद या जिला पंचायत के पदाधिकारी। कांग्रेस पदाधिकारी हों या पूर्व विधायक या सांसद सभी को बीजेपी में शामिल किया जा रहा है। इन आने वाले लोगों को खाली। कराए गए पदों पर उपकृत किया जा सकता है।
ये नियुक्तियां हुई निरस्त


