मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले में मवेशी चराने जामनी नदी के उस पार गये चार युवक नदी का जलस्तर बढ़ने से एक टापू पर फंस गये। चारों युवक करीब छह घंटे तक नदी के बीच बने एक टापू पर फंसे रहे। हालांकि रेस्क्यू टीम की छह घंटे की मेहनत रंग लाई और सभी चारों युवकों को टापू से सुरक्षित निकाल लिया गया। सूचना मिलने के बाद कलेक्टर अरूण कुमार विश्वकर्मा और पुलिस अधीक्षक राय सिंह नरवरिया समेत आला अधिकारी मौके पर पहुंच गये और पूरे रेस्क्यू की मॉनिटरिंग करते रहे। प्रदेश में हो रही लगातार बारिश के बीच बुधवार का दिन निवाड़ी जिले के प्रशासन के लिए बड़ी चुनौति लेकर आया। पहले पृथ्वीपुर के पास जामनी नदी के पास फंसे मछुआरे को बाहर निकालने की जद्दोजहद के बीच पानी के तेज बहाव और रात होने के चलते उसका रेस्क्यू नहीं कर पाई और उन सब के बीच ओरछा की जामनी नदी में फंसे चार लोगों को बचाना भी उनके लिए बड़ी चुनौती रही। क्योंकि तकरीबन 5 बजे यह सूचना मिल कि जामनी नदी में चार लोग फंसे हुए है। सूचना मिलने के बाद एसडीआरएफ व होमगार्ड रेस्कयू प्रभारी पीयूष शर्मा अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। बताया जा रहा है कि जामनी नदी का अचानक जलस्तर बढ़ने से नदी के उस पार मवेशी चराने गये आजाद पिता कमलेश वंशकार कुमार उम्र 19 साल निवासी चंद्रपुरा, गौरव पिता गणेश वंशकार उम्र 15 साल निवासी चंद्रपुर, राजकुमार पिता डालचंद वंशकार उम्र 21 साल निवासी शकेरा खुर्द और निकेश नाथूराम बांधकर उमर 17 साल निवासी ग्राम शकेरा खुर्द नाम के चार युवक फंस गये। चारों युवकों को बचाने के लिये युद्धस्तर पर रेस्क्यू अभियान चलाया गया। पहले ड्रोन की मदद से चारों युवकों की स्थिति जानी। उसके बाद बड़ी कठिनाईयों के बीच रेस्क्यू शुरू किया गया। रेस्क्यू के दौरान नदी का बढ़ता जलस्तर और नदी में मौजूद बड़े बड़े पत्थर चुनौतियों को बढ़ाते रहे। रेस्क्यू करने गये चार स्थानीय गोताखोर भी फंसे रेस्क्यू के दौरान मुश्किल और तब बढ़ गई जब चारों युवकों को बचाने गये रेस्क्यू दल के चार गोताखोर भी टापू पर फंस गये। चार लोग को बचाने गये चार और लोग टापू पर फंसने से मुश्किलें और बढ़ गई। अंधेरा हो जाने से नदी का जलस्तर और बढ़ गया व टापू पर आठों लोग फंस गये। आसपास पानी का बहाव होने से मुश्किलें और बढ़ गई। जवानों ने अपनी जान पर खेलकर आठ जिंदगियां बचाई। पुलिस अधीक्षक डॉक्टर राय सिंह नरवरिया ने पूरे रेस्क्यू दल को बधाई दी। मामले में कलेक्टर अरूण कुमार विश्वकर्मा ने कहा कि जिला प्रशासन को जैसे ही घटना का पता चला वैसे ही मौके पर बचाव दल को लाइफ जैकेट के साथ पहुंचाया गया। टापू पर फंसे सभी की उम्र 20 साल से कम थी, इसलिये उनके भोजन आदि की व्यवस्था करवाई गई। अंधेरा हो जाने के बाद रेस्क्यू की मुश्किलें और बढ़ गई। अंत में बारी बारी से एक एक कर लोगों को बचाया गया।


