वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कोरोना (Coronavirus) के खात्मे के लिए कीटाणुनाशक इंजेक्शन लगाने की सलाह पर मचे बवाल के बीच, घरेलू क्लीनर निर्माता कंपनियों ने लोगों को चेतावनी देते हुए कहा है कि वे उनके उत्पादों को पीने या इंजेक्शन से लेने की गलती न करें. Lysol और Dettol बनाने वाली अमेरिकी कंपनी रेकिट बेन्किज़र (Reckitt Benckiser) ने अपने बयान में कहा है कि किसी भी परिस्थिति में हमारे कीटाणुनाशक उत्पादों को मानव शरीर (इंजेक्शन, अंतर्ग्रहण या किसी अन्य मार्ग से) में नहीं पहुंचाया जाना चाहिए. रेकिट बेन्किज़र के बाद ब्लीच की निर्माता क्लार्क्स (Clorox) ने भी चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि ब्लीच और अन्य कीटाणुनाशक किसी भी परिस्थिति में उपभोग या इंजेक्शन से लेने के लिए उपयुक्त नहीं हैं.
गौरतलब है कि ट्रंप ने गुरुवार की एक समाचार ब्रीफिंग के बाद कहा था कि वैज्ञानिकों को यह पता लगाना चाहिए कि कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों के शरीर में पराबैंगनी प्रकाश या कीटाणुनाशक पहुंचाकर कोई मदद मिल सकती है. Reckitt के प्रवक्ता ने कहा कि ‘एक कंपनी के रूप में यह सुनिश्चित करना हमारी ज़िम्मेदारी है कि लोग निर्देशानुसार हमारे उत्पादों को इस्तेमाल करें और वह विभिन्न प्रकार के सुझावों के चलते अनजाने में उनका दुरुपयोग न करें’. वहीं, FTI के वरिष्ठ प्रबंध निदेशक और आपदा संचार के विशेषज्ञ लू कोलासुन्नो ने कंपनियों का पक्ष लेते हुए कहा कि आवाज उठाना सही था भले ही उसके लिए राष्ट्रपति के विरुद्ध जाने का दंड मिले. अगर वह इस समय चुप रहते, तो यह सहमति देना माना जाता’.
क्या है चेतावनी में?
Lysol टॉयलेट क्लीनर की चेतावनी में कहा गया है यह क्षयकारी है और आंखों को अपरिवर्तनीय क्षति पहुंचाता है एवं इससे त्वचा में जलन पैदा हो सकती है. साथ ही यह भी कहा गया है कि यदि यह मुंह में चला जाए, तो नुकसानदायक है. इसे आंख, त्वचा या कपड़ों पर गिरने न दें. वहीं, कॉमेट क्लीनर और डॉन डिटर्जेंट के निर्माता Procter & Gamble ने अमेरिकी क्लीनिंग इंस्टिट्यूट के कथन का संदर्भ लिया, जो कहता है कि कीटाणुनाशकों का काम सख्त सतह पर कीटाणु और वायरस को मारना है. किसी भी स्थिति में इसका इस्तेमाल की त्वचा पर नहीं होना चाहिए, न ही इसे मुंह में जाना चाहिए, न इंजेक्शन द्वारा शरीर में पहुंचना चाहिए. मार्च से यूएस के जहर नियंत्रण केंद्रों को आने वालीं ब्लीच और हैंड सैनेटाइजर से संबंधित कॉल में काफी इजाफा हुआ है, क्योंकि अमेरिकी घर पर रहते हैं और बहुत ज्यादा सफाई करते हैं.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
सीएटल निवासी खाद्य सुरक्षा मामलों के वकील विलियम मार्लेर ने कंपनियों द्वारा अपने उत्पादों की प्रेसिडेंट-प्रूफिंग के बयान पर कहा कि कम जानकारी रखने वाले उपभोक्ता यदि निर्माताओं के उत्पादों का दुरूपयोग करते हैं, तो निर्माता इसके लिए कानूनी कार्यवाही का सामना कर सकते हैं. उन्होने आगे कहा कि राष्ट्रपति ने जो कहा उसके बावजूद कानून यह मान सकता है कि एक सामान्य तर्कशील व्यक्ति इन उत्पादों का सेवन नहीं करेगा. साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि उत्पाद का बच्चों या किसी मानसिक बीमारी वाले व्यक्ति द्वारा खा सेवन किया जाता है, तो कंपनियां बिल्कुल अलग स्थिति का सामना करेंगी. वहीं, अटलांटा स्थित एमोरी यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ के प्रोफेसर फ्रैंक वंडाल ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप के बयान से यह धारणा कमजोर हुई है कि लोग बेहतर जानते हैं. उन्होंने कहा, ‘ऐसे बहुत से लोग हैं, जो यह कहेंगे कि अगर राष्ट्रपति कुछ कह रहे हैं, तो वह मेरे लिए अच्छा ही होगा’.
(इनपुट: रॉयटर्स)
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