आपके साथ भी अक्सर ऐसा होता होगा ना कि फ्रिज खोलते ही उसमें ढेर सारा बचा हुआ खाना नजर आता है। कई बार अपने बिजी शेड्यूल की वजह से हम ज्यादा खाना बना लेते हैं ताकि बार-बार न बनाना पड़े, तो कई बार जरूरत से ज्यादा खाना ऑर्डर कर देते हैं या फिर कई बार खाना बनाने के बाद खाने का मन नहीं होता। कारण चाहे जो भी हो जब भी कोई खाना बच जाता है तो हम उसे फ्रिज में रख देते हैं और फिर बाद में या अगले दिन उसे गर्म करके खा लेते हैं। लेकिन क्या बचे हुए खाने को दोबारा गर्म करके खाना सेफ है?
बचे हुए खाने को कितने टेंपरेचर पर रखना चाहिए?
खाने-पीने की कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिनका आप बाद में सेवन कर सकते हैं लेकिन सिर्फ तभी जब आप उस बचे हुए खाने को सही तरीके से स्टोर करके रखें। क्या आप जानते हैं कि आप बचे हुए खाने को कितने दिन तक फ्रिज में रख सकते हैं? बचे हुए खाने को कितने तापमान पर फ्रिज में रखना चाहिए? अगर आपको इन बातों की जानकारी नहीं है तो बेहतर होगा कि आप बचे हुए खाने का सेवन न करें क्योंकि लेफ्टओवर फूड यानी बचा हुआ बासी खाना आपके शरीर को कई तरह से नुकसान पहुंचा सकता है।
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खाने में पनपते हैं बैक्टीरिया
जब हम खाना पकाते हैं और तुरंत उसे खाने की बजाए फ्रिज में रख देते हैं और बाद में खाते हैं तो उसमें बैक्टीरिया और दूसरे हानिकारक माइक्रोऑर्गैनिज्म पनपने लगते हैं। ऐसा इसलिए होता है कि खाना बनाने के बाद आप उसे तुरंत फ्रिज में नहीं रखते बल्कि रूम टेंपरेचर पर आने के बाद फ्रिज में रखते हैं। इस प्रैक्टिस की वजह से बैक्टीरिया खाने में कई गुना बढ़ जाते हैं जिससे बीमार पड़ने का खतरा रहता है।
नोएडा: अनोखा रेस्त्रां, हवा में एंजॉय करिये खानानोएडा में एक अनोखा रेस्त्रां बना है जो आपको 160 फुट की ऊंचाई पर खाना परोसेगा। इस रेस्त्रां में खाने का आनंद तो है ही साथ ही एडवेंचर का भी अनुभव मिलता है। 24 लोगों के एक साथ बैठ सकने वाला एक बड़ा टेबल क्रेन की सहायता से 160 फुट की ऊंचाई तक पहुंचाया गया है। बीच में एक जगह भी बनाई गई है ताकि वेटर्स आ जा सकें। इसका आइडिया निखिल कुमार को दुबई में मिला जहां वह घूमने के लिये गए थे। वहां से आने के बाद वह रेस्त्रां बनाने की कोशिश में जुट गए। उन्होंने जर्मनी से ट्रेनिंग दिलवाई हैं ताकि इतनी ऊंचाई पर बने रेस्त्रां की सुरक्षा में कोई कमी न हो और लोग खाने का आनंद ले सकें।
पाचन से जुड़ी दिक्कतें
बचे हुए खाने में मौजूद यही बैक्टीरिया जब हमारे शरीर के अंदर जाते हैं तो पाचन की प्रक्रिया में रुकावट डालते हैं और खाना सही ढंग से पच नहीं पाता। ऐसे में अपच, गैस, ऐसिडिटी जैसी दिक्कतें होती हैं। इतना ही नहीं, कई बार बचे हुए खाने का टेस्ट खराब नहीं लगता लेकिन वो फर्मेंट हो चुका होता है और इस तरह के खाने का सेवन करने से ऐसिडिटी की दिक्कत लंबे समय तक बनी रहती है।
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फूड पॉइजनिंग का रिस्क
अगर खाने को बनाने के 2 घंटे के अंदर फ्रिज में न रखा जाए तो उसमें बैक्टीरिया की तादाद बेहद तेजी से बढ़ने लगती है जिससे खाना खराब होने का रिस्क काफी बढ़ जाता है। इन हानिकारक बैक्टीरिया की वजह से फूड पॉइजनिंग का खतरा भी काफी बढ़ जाता है।
डायरिया भी हो सकता है
फूड पॉइजनिंग अगर बहुत ज्यादा बढ़ जाए तो वॉमिटिंग के साथ-साथ पेट में तेज दर्द होने लगता है जिससे शरीर में डिहाइड्रेशन की दिक्कत होने लगती है और डायरिया भी हो सकता है। लिहाजा बेहद जरूरी है कि आप बचे हुए खाने से पहले अपनी सेहत का ध्यान रखें।
बार-बार खाना बुरा नहीं, बशर्ते आप इन बातों का रखें ध्यान
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हम में ज्यादातर लोग दिन में केवल 3 टाइम खाना खाने पर जोर देते हैं। ब्रेकफस्ट, लंच और डिनर। कुछ लोग ऐसे भी हैं जो दिनभर में 4-5 बार थोड़े-थोड़े समय पर कुछ ना कुछ खाना पसंद करते हैं, जबकि कुछ लोगों का मानना है कि दिन में 3 बार खाने से सेहत अच्छी रहती है क्योंकि इस तरह खाने से खाना सही तरीके से पचता है। वहीं कुछ हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि दिन में 5 से 6 बार थोड़े-थोड़े समय पर खाने से शरीर हेल्दी रहता है। अब 3 बार खाना ठीक है या 6 बार, यहां दूर करें अपनी कन्फ्यूजन…
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डाइटिशन श्वेता कहती हैं कि बार बार खाना मतलब स्नैकिंग, जो कि आज के कैलरी कॉन्शस जमाने में सही चीज नहीं है क्योंकि बार-बार खाने से व्यक्ति जंक फूड की ओर ज्यादा आकर्षित होता है। वह कहती हैं कि वैसे तो दिनभर में कई बार खाना कोई बुरी चीज नहीं है, लेकिन इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि जो स्नैक्स आप खा रहे हैं वह हेल्दी हो। दरअसल, शरीर को हर 2-3 घंटे में खाने की कुछ मात्रा चाहिए होती है। इसलिए बीच-बीच में खाते रहना भी जरूरी है।
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हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो एक बार में ढेर सारा खाना खाने की बजाए समय-समय पर थोड़ा-थोड़ा खाना ज्यादा फायदेमंद होता है, क्योंकि इस तरह खाने से हमारे शरीर में फैट बर्न होने की क्षमता तेज हो जाती है। साथ ही इस तरह से खाने से हमारी मेटाबॉलिज्म पावर स्ट्रॉग होती है। थोड़ा- थोड़ा खाने से ब्लड शुगर लेवल सही बना रहता है। शरीर में एनर्जी बनी रहती है। अगर आप वजन कम करना चाहते हैं, तो दिन में 3 बार हैवी खाने के बजाए गैप करके थोड़ा-थोड़ा खाएं।
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खाने को एक साथ ना खाकर बल्कि उसके छोटे-छोटे टुकड़े कर के खाना चाहिए। खाने को तब तक चबाएं जब तक कि वह आपके मुंह में पूरी तरह से घुल ना जाए, भले ही वह सूखी या गीली चीज ही क्यों न हों।
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पॉपकॉर्न में भरपूर पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं, इसलिए यह अच्छी डायट मानी जाती है। यही कारण है कि वेट लॉस के दौरान डाइटिशन इसे खाने की सलाह देते हैं। मार्केट में आज 98 प्रतिशत फैट फ्री पॉपकॉर्न उपलब्ध है। मक्की के पैकेट खरीदें और हल्के बटर में उसे बना लें। डायटिशन अर्चना कहती हैं, ‘पॉपकॉर्न में हाई फाइबर और लो कैलरी होता है। इसमें सोडियम व शुगर की मात्रा न के बराबर होती है। भूख को मिटाने के साथ ही यह आपको कई हेल्दी तत्व भी प्रदान करता है। ‘
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ये बहुत ही हेल्दी स्नैक्स चॉइस है। अपने पसंद के फ्रूट्स ले लें। इनकी फ्रूट स्मूदीज बना लें। इसे बनाते समय इस बात का ध्यान रखें कि इसे फूल क्रीम दूध की बजाय टोंड या स्किमड दूध से बनाएं। इससे आप कई फ्रूट्स के तत्वों को इनटेक कर लेंगे।
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आप जानते हैं कि आइसक्रीम रोज नहीं खाई जा सकती है लेकिन अगर आप इसे घर में बनाएं, तो इसमें फैट और शुगर दोनों की मात्रा कंट्रोल कर सकते हैं। स्किम्ड दूध का इस्तेमाल करें और इसमें थोड़ा सा गुड़ मिला लें। इस लो फैट डिश को हर 2 हफ्ते में खा सकते हैं।
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कुकीज आपके रेगुलर स्नैक्स नहीं बन सकते, क्योंकि बिना फैट के कुकीज बिल्कुल भी स्वादिष्ट नहीं होती। अगर आप इन्हें खाना चाहते हैं, तो आप मैरी बिस्किट या अरारोट बिस्किट ले सकते हैं क्योंकि इनमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है।