उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन अपने विजय के बाद पहली बार शुक्रवार को वाराणसी पहुंचे। उन्होंने धर्मशाला के उद्घाटन समारोह में भाग लिया और इस दौरान अपने आध्यात्मिक अनुभव को साझा किया।
राधाकृष्णन ने कहा, “मैं 25 साल पहले, वर्ष 2000 में काशी आया था। उस समय मैं मांसाहारी था। लेकिन जब मैंने गंगा मइया में स्नान किया, तो उसके बाद से मैं शाकाहारी बन गया।”उन्होंने आगे कहा कि “धर्म को कुछ समय के लिए संकट का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन वह स्थायी नहीं होता।
इसकी साक्षी यह इमारत है—आपने कितने संकट झेले, फिर भी आज धर्म की जीत हुई है।”कार्यक्रम के दौरान उपराष्ट्रपति ने काशी की संस्कृति और धर्मनिष्ठा की सराहना करते हुए कहा कि यहां की ऊर्जा और आस्था हर व्यक्ति को बदल देती है।


