- पहली बार राज्य सरकार ने लिया इस तरह का फैसला
- राज्य में कोरोना के संक्रमितों की संख्या अब तक 7
दैनिक भास्कर
Apr 01, 2020, 01:26 PM IST
रायपुर. कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार ने बड़ा फैसला किया है। अब कक्षा से 8वीं तक के बच्चों को बिना परीक्षा दिए ही पास कर दिया जाएगा। 9वीं और 11वी के बच्चों को भी अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया जाएगा। इसके अलावा, विचाराधीन या सजा काट रहे बंदियों को भी पैरोल और अंतरिम जमानत पर प्रदेश की जेलों से रिहा किया जा रहा है। पिछले कुछ दिनों में इसी तरह के 415 कैदी छोड़े गए। स्टेट लीगल अथॉरिटी के मुताबिक, 1500 कैदियों को छोड़ने पर विचार किया जा रहा है, ताकि जेल में भीड़ कम की जाए। छोड़े गए अधिकांश कैदी लॉकडाउन तक अपने घरों में ही नजरबंद रहेंगे।
सीएम की पोस्ट-
शिक्षा संचालक ने जारी किए आदेश
विभाग के मुताबिक, राज्य शासन ने 19 मार्च से सभी स्कूलों को बंद करते हुए हाईस्कूल और हायर सेकेण्डरी स्कूल की परीक्षाओं को भी स्थगित किया। इसके बाद 20 मार्च से संपूर्ण छत्तीसगढ़ को लॉकडाउन किया गया। केन्द्र सरकार द्वारा 24 मार्च से संपूर्ण भारत को 14 अप्रैल तक लॉकडाउन किया गया है। इतने लंबे समय तक स्कूल बंद होने के कारण शालाओं में स्थानीय स्तर पर आयोजित की जाने वाली परीक्षाएं नहीं ली जा सकीं। अब ऐसा भी नहीं है कि परीक्षाएं दोबारा से ली जा सकें। लिहाजा, राज्य सरकार ने जनरल प्रमोशन देने का निर्णय लिया है।
सीएम ने फोन पर आम लोगों से बात की

लॉकडाउन के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कई क्षेत्र के आम लोगों से फोन पर बात की और हाल-चाल जाना। मुख्यमंत्री ने जशपुर जिले की ग्राम पंचायत जूजगु की महिला सरपंच कुंती बनवासी से फोन पर पूछा कि उनकी ग्राम पंचायत में उचित मूल्य की दुकान से राशन मिलना शुरू हुआ है या नहीं। इस पर श्रीमती कुंती ने बताया कि दो माह के राशन का वितरण प्रारंभ कर दिया गया है। मुख्यमंत्री का फोन भिलाई 3 के एकता नगर, वार्ड 8 के निवासी साईकल और पंचर सुधारने वाले अशोक कटाने के पास भी आय। अशोक ने मुख्यमंत्री को बताया कि प्रशासन और स्वयंसेवी संस्थाओं ने मिलकर जरूरतमंदों की मदद काम किया है। दंतेवाड़ा जिले के चूड़ी टिकरा की कार्यकर्ता शीला देवी ने बताया कि वे घर-घर जाकर बच्चों को पौष्टिक आहार वितरित कर रहे हैं।
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