भारत अपनी रक्षा तैयारियों को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है। ख़बरों के मुताबिक, भारत रूसी S-400 डिफेंस मिसाइल सिस्टम की एक और खेप को अपनी वायु सेना में शामिल करने पर गंभीरता से विचार कर रहा है।
क्या है पूरा मामला?
भारत ने साल 2018 में रूस के साथ लगभग 5 अरब डॉलर (लगभग ₹35,000 करोड़) के एक बड़े रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके तहत 5 S-400 यूनिट्स की खरीद तय हुई थी। अब भारत इस बेहद प्रभावी एयर डिफेंस सिस्टम को और अधिक संख्या में अपनाने की योजना बना रहा है।
पुतिन की यात्रा में अहम चर्चा
माना जा रहा है कि इस सौदे को लेकर अंतिम चर्चा और ऐलान दिसंबर में होने वाली रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा के दौरान हो सकता है। यह बैठक दोनों देशों के बीच सामरिक और रक्षा सहयोग को और गहरा करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगी।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ में S-400 की प्रभावी भूमिका
इस डिफेंस सिस्टम को गंभीरता से अपनाने के पीछे एक बड़ा कारण ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान S-400 की प्रभावी भूमिका रही है। इस ऑपरेशन में S-400 की क्षमता और सटीकता ने भारतीय वायु सेना को प्रभावित किया, जिसके चलते भारत अब इस प्रणाली को अपनी सुरक्षा कवच का एक अभिन्न अंग बनाने पर विचार कर रहा है।
S-400 एक अत्याधुनिक लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली (Surface-to-Air Missile System) है, जो दुश्मन के विमानों, मिसाइलों और ड्रोन को मार गिराने में सक्षम है।