अनूपपुर। मध्य प्रदेश का एक युवक, दिल्ली में एक लड़की से मिला। पहली ही मुलाकात में दोनों की दोस्ती हो गई। पहली ही ‘नजर’ में वे एक—दूसरे को पसंद कर बैठे। यह कहानी दिलचस्प होने से ज्यादा संवेदनशील भी है क्योंकि यहां पर युवक और युवती दोनों ही दिव्यांग हैं। वे देख नहीं सकते। लेकिन पहली ही मुलाकात में उन्होंने अपने मन की ‘नजरों’ से एक—दूसरे को पसंद कर लिया। इस कहानी में एक और शानदार मोड़ तब आया जबकि पिछले दिनों दोनों विवाह के बंधन में बंध गए। यह लव मैरिज है। मामला मध्य प्रदेश के अनूपपुर से जुड़ा है। यहां के निवासी प्रतीक गुप्ता और दिल्ली की काजल की मुलाकात दिल्ली में ही एक पारिवारिक विवाह समारोह में हुई थी। यहीं से दोस्ती के बाद उन्हें प्यार हो गया और उन्होंने जिंदगी भर साथ रहने का वादा कर लिया था। प्रतीक स्टेट बैंक में सरकारी कर्मचारी हैं, जबकि लड़की अब एक गृहिणी बनकर अपना जीवन जिएगी। नेत्रहीन जोड़े की यह शादी अनूपपुर जिले जिले सहित पूरे देशभर में चर्चा का विषय बन गई है। शादी की ख़ास बात यह रही कि दूल्हा और दुल्हन के अलावा ज्यादातर बाराती भी नेत्रहीन ही थे। इतना ही नहीं इस शादी में कन्यादान करने वालों से लेकर बारात में नाचने वाले भी कई लोग नेत्रहीन ही रहे।
शादी में शामिल हुए दूल्हा-दुल्हन के दोस्तों ने बताया कि अगर एक व्यक्ति दिव्यांग है और दूसरा भी दिव्यांग है, तो एक-दूसरे के प्रति आपसी प्रेम की भावना पैदा होती है। जब दोनों एक जैसे हो तो ये प्यार और भी मजबूत हो जाता है। वे एक-दूसरे के साथ सामंजस्य बिठाकर सुखी वैवाहिक जीवन जीते हैं।