छोटे पर्दे की दादी-सा को हुआ ब्रेन स्ट्रोक

पिछले दिनों टीवी सीरियल ‘बालिक बधु’ की दादी सा यानी वरिष्ठ अभिनेत्री सुरेखा सीकरी भी ब्रेन स्ट्रोक की जद में आ गई थीं। गंभीर स्थिति में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन अब वे खतरे से बाहर हैं और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। यहां जानें क्या होता है ब्रेन स्ट्रोक, इस बीमारी के लक्षण क्या होते हैं, किन कारणों से यह समस्या होती है और इसका इलाज कैसे किया जाता है…
ब्रेन स्ट्रोक के कारण

-जैसा कि हमने आपको बताया कि यह बीमारी तब होती है, जब दिमाग में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती है तो इसका सीधा संबंध नसों में खून की सप्लाई बाधित होने से होता है। क्योंकि हमारे शरीर में ऑक्सीजन और रक्त का प्रवाह एक-दूसरे के साथ संबंधित है।
-ऑक्सीजन और रक्त संचार की कमी के कारण दिमाग की कोशिकाएं मृत होने लगती हैं। इस स्थिति में व्यक्ति खुद को संभाल नहीं पाता है और अपने शरीर के साथ ही अपनी कॉन्शियसनेस (चेतनावस्था) पर उसका कोई नियंत्रण नहीं रहता है।
पहचानने में मुश्किल होती है

– कॉन्शियसनेस खत्म होना एक बड़ी वजह है कि ब्रेन स्ट्रोक के बाद आमतौर पर पीड़ित व्यक्ति अपने परिवार के सदस्यों को भी नहीं पहचान पाता है। सूत्रों के अनुसार अभिनेत्री सुरेखा सीकरी को भी अपने परिजनों को पहचानने में दिक्कत आ रही थी। लेकिन स्थिति में सुधार के साथ ही अब वह लोगों को भलि प्रकार पहचान पा रही हैं।
ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण

-ऐसा नहीं है कि किसी व्यक्ति को एकाएक ब्रेन स्ट्रोक हो जाता है। बल्कि इस समस्या के होने से पहले शरीर में कुछ खास बदलाव दिखाई पड़ते हैं। जिन्हें नोटिस करने के बाद आपको तुरंत अपने प्रियजन को ऐसे हॉस्पिटल में लेकर पहुंचना चाहिए जहां उन्हें ब्रेन स्ट्रोक का ट्रीटमेंट मिल सके।
-ब्रेन स्ट्रोक से पहले व्यक्ति को शरीर में बहुत अधिक कमजोरी महसूस होती है।
-व्यक्ति चलने-फिरने में लाचारी महसूस करता है। कई बार एक ही बेड पर एक से दूसरी जगह खिसकने में भी दिक्कत होती है।
-मरीज को बात करने में असुविधा होती है या बातचीत के दौरान उसकी जुबान लड़खड़ाने लगती है और मुंह से शब्द साफ नहीं निकलते हैं।
इतने समय में इलाज जरूरी

-हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति में ब्रेन स्ट्रोक से संबंधित लक्षण दिखें तो उसे तुरंत हॉस्पिटल में भर्ती करना चाहिए। क्योंकि ऐसे व्यक्ति को समय रहते इलाज मिल जाता है तो उसकी स्थिति को बहुत अधिक बिगड़ने से रोका जा सकता है।
-यदि रोगी को लक्षण समझ आने के 4 घंटे के अंदर ही इलाज मिल जाए तो स्थिति को गंभीर होने से रोका जा सकता है। साथ ही इससे पेशंट को ठीक होने में भी कम समय लगता है।
इन्हें रहता है अधिक खतरा

-बड़ी उम्र के लोगों को खासतौर पर 60 साल की उम्र के बाद ब्रेन स्ट्रोक का खतरा अधिक होता है। क्योंकि इस उम्र में शरीर की नसें सिकुड़ने लगती हैं और शारीरिक गतिविधियों की कमी के कारण रक्त का प्रवाह भी कम होता है।
-जिन लोगों को डायबिटीज और ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन की समस्या हो, उन लोगों में इस बीमारी की चपेट में आने की आशंका अधिक होती है।
-जिन लोगों की फैमिली हिस्ट्री में शुगर, बीपी, ब्रेन स्ट्रोक या ब्रेन हेमरेज की बीमारियां रही हों, उन्हें अपनी सेहत को लेकर अधिक सावधानियां बरतनी चाहिए।
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