खासतौर से यह सवाल अक्सर उन लोगों को सताता है, जो रोटी के बजाय चावल खाना ज्यादा पसंद करते हैं। दरअसल, ठंड के मौसम में सर्दी, खांसी, जुकाम और कई वायरल समस्या का खतरा बहुत ज्यादा होता है। इसलिए इन दिनों अपने खान-पान का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है। लेकिन जब लोगों को सर्दी या खांसी होती है , तो उन्हें एक बार तो यह बात याद आ जाती है कि क्या सर्दी खांसी में चावल खाना ठीक है।
अगर आपके मन में भी चावल खाने को लेकर यह भ्रम बना हुआ है और इस असमंजस में रहते हैं कि सर्दी होने पर चावल खाए या नहीं, तो जानिए इस विचार में आखिर कितनी सच्चाई है।
चावल में होते हैं बलगम बनाने के गुण

नेचुरोपैथी और आयुर्वेदिक सांइस के अनुसार , चावल में बलगम बनाने वाले गुण होते हैं। जैसा केला बलगम बनाने में सक्षम होता है, वैसे ही चावल भी आपके शरीर के तापमान को ठंडा रखता है। यही कारण है कि जब आप सामान्य सर्दी और खांसी से पीडि़त होते हैं, तो हमेशा गर्म पेय पीने और खाने की सलाह दी जाती है।
ठंड में चावल खाने से होता है कफ

अक्सर सुनने में आता है कि सर्दियों में चावल के सेवन से बलगम निकलता है। चावल के कारण बनने वाला बलगम और खांसी शरीर को कमजोर बना देती है। यही वजह है कि विशेषज्ञ भी ठंड के समय चावल नहीं खाने की सलाह देते हैं।
क्या पुराना चावल शरीर को ठंडक देता है

हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि केवल पुराने या ठंडे चावल ही शरीर को ठंडा रखते हैं। जब सर्दी या खांसी की स्थिति में शरीर गर्म होने की कोशिश कर रहा हो, तो ठंडे या पुराने चावल का सेवन करने से उपचार प्रक्रिया में बाधा आ सकती है। इसलिए सर्दी होने पर ठंडे या पुराने पके हुए चावल के सेवन से जितना हो सके , हमें बचना चाहिए।
ठंड में चावल खाएं या नहीं

वैसा ऐसा बहुत कम होता है, जब डॉक्टर चावल न खाने की सलाह देते हैं। चूंकि चावल ठंडे होने के साथ इसमें बलगम बनाने वाले गुण होते हैं, तो ऐसे में यह आपके सर्दी-खांसी की समस्या को और बढ़ा सकता है। इतना ही नहीं यह हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करने के लिए भी जिम्मेदार है। इसलिए सर्दी-खांसी या गले में संक्रमण होने पर डॉक्टर आपको चावल, दही , मसालेदार भोजन , केला आदि से परहेज करने के लिए कहते हैं।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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