इंदौर। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया इंदौर दौरे पर पहुंचे, जहां उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए मनरेगा योजना के नाम में किए गए बदलाव और उससे जुड़े प्रावधानों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह बिल संसद में पूर्ण बहुमत के साथ पारित हुआ है और पूरी तरह से जनहित में है।सिंधिया ने कहा कि नरेंद्र मोदी की ऐतिहासिक सोच के तहत इस योजना को और मजबूत किया गया है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को पहले से अधिक रोजगार के अवसर मिलेंगे।
उन्होंने बताया कि पहले जहां मनरेगा के तहत 100 दिनों का रोजगार मिलता था, अब उसे बढ़ाकर 125 दिन कर दिया गया है, ताकि हर जरूरतमंद ग्रामीण को काम मिल सके।कांग्रेस शासनकाल पर निशाना साधते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उस समय मनरेगा जैसी योजना में 10 हजार करोड़ रुपये तक का बजट भी नहीं दिया जाता था, जबकि वर्तमान सरकार ने इसका बजट बढ़ाकर एक लाख करोड़ रुपये से अधिक कर दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस योजना के तहत रोजगार के अवसर घटेंगे नहीं, बल्कि और बढ़ेंगे।
सिंधिया ने कहा कि पहले मशीनों से काम कराकर कागजों पर फर्जी बिल बनाए जाते थे और मजदूरों को उनका हक का पैसा नहीं मिलता था, लेकिन अब डीबीटी के माध्यम से मजदूरों को उनका मेहनताना सीधे खातों में मिलेगा। सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि योजना की राशि पारदर्शी तरीके से ग्रामीण लोगों तक पहुंचे।
भ्रष्टाचार पर सख्त रुख अपनाते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के “ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा” के संकल्प के तहत सिस्टम में गड़बड़ी करने वालों पर कार्रवाई की जा रही है। जिन लोगों को इस योजना से परेशानी हो रही है, वही पहले गलत तरीकों से लाभ उठाते थे।वहीं, राहुल गांधी को लेकर पूछे गए सवाल पर सिंधिया ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष होने के नाते उन्हें इस महत्वपूर्ण बिल पर चर्चा के दौरान संसद में उपस्थित रहना चाहिए था। उन्होंने कहा कि देश आगे बढ़ रहा है और नकारात्मक सोच रखने वालों को जनता बार-बार जवाब दे चुकी है।
बाइट:ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय मंत्री, इंदौर


