- किसानों के रकबे की धान खरीदी को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब नहीं मिलने पर शुरू हुआ था हंगामा
- हालांकि बाद में निलंबन वापस हुआ तो फिर हंगामा शुरू हो गया, इसके बाद कार्यवाही स्थगित कर दी गई
Dainik Bhaskar
Feb 28, 2020, 02:17 PM IST
रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के दौरान पांचवें दिन शुक्रवार को भी धान खरीदी और किसानों के मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। भाजपा सदस्यों ने सवाल पूछा कि कुल कितने किसानों के रकबे का धान खरीदा गया, लेकिन मंत्री की ओर से इस पर कोई जवाब नहीं आया। बार-बार सवाल पूछने पर भी जवाब नहीं मिलने पर भाजपा विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया और वे वेल तक पहुंच गए। इसके बाद 11 सदस्यों को निलंबित कर दिया गया। हालांकि 5 मिनट बाद उनका निलंबन वापस हो गया, लेकिन उसके फिर हंगामा होने से कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
मंत्री का विपक्ष पर तंज- धूल चेहरे पर थी, आइना साफ करते रहे
प्रश्नकाल के दौरान भाजपा सदस्य शिवरतन शर्मा ने प्रदेश में 6 फरवरी तक समर्थन मूल्य पर खरीदी गई धान का मुद्दा उठाया। उन्होंने पूछा कि कितने किसानों की खरीदी शेष है और कितने किसानों ने अपने पूर्ण रकबे के हिसाब से धान की बिक्री की है। मंत्री मोहम्मद अकबर ने इसका जवाब दिया तो विपक्ष ने नाराजगी जताई। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि मंत्री जी लिखे हुए जवाब को ही पढ़ रहे हैं। इस पर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि मैं पूरी तैयारी के साथ आया हूं आप जवाब सुनिए।
मंत्री अमरजीत भगत ने कहा, पूरे प्रदेश में धान बेचने पर जुर्माना लगाया गया था। वह 85 लाख मैट्रिक टन था। इस पर शिवरतन शर्मा ने कहा कि सरकार ने टारगेट ही कम फिक्स किया। टारगेट किया जाना चाहिए 20 फरवरी तक के कितने किसानों ने अपने पूर्ण पंजीयन के हिसाब से धान बेच दिया। खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि 19 लाख किसानों ने पंजीयन कराया और हमने 82 लाख 80 हजार मैट्रिक टन धान खरीदा।
खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा इन 15 सालों में आपकी सरकार ने कितना धान खरीदा वह भी हम बता देते हैं। यह तो कुछ उसी तरह बात हो गई उम्र भर ग़ालिब यही गलती करता रहा, धूल चेहरे पर थी और आईना साफ करता रहा। शिवरतन शर्मा ने फिर से पूछा कि हम यह जानना चाहते हैं कि 20 फरवरी तक कितने पंजीकृत किसानों ने पूर्ण रकबे का धान बेचा। शिवरतन शर्मा ने मंत्री पर भ्रमित करने का आरोप लगाया। खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि जो भी प्रश्न पूछा गया उस का पर्याप्त जवाब हम दे रहे हैं। हम जो जवाब देते हैं उसे घुमाकर तीसरा सवाल पूछ लेते हैं।
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