Tuesday, July 1, 2025
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Chhattisgarh News In Hindi : Chhattisgarh : 30 crore rupees to be recovered from officials and employees responsible for paddy rot in Bilaspur Division | धान सड़ाने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों से वसूलेंगे 30 करोड़ रुपए

  • दस साल में 100 से अधिक आरोपियों ने जमा नहीं कराए रुपए, सहकारी संस्था ने खोली फाइल 
  • रसूखदारों को बचाने के लिए खूब चला खेल, फिर हुई कार्रवाई, अब मांगी गई नामों की लिस्ट 

Dainik Bhaskar

Feb 28, 2020, 09:53 AM IST

आशीष दुबे। बिलासपुर. सहकारी बैंक के अधीन समितियों में वर्ष 2008 से 2016 तक कोई 100 कर्मचारियों से 30 करोड़ रुपए की वसूली बाकी है। ये सभी वे कर्मचारी हैं, जिनके ऊपर गड़बड़ी करने या फिर समितियों में धान के उठाव में लापरवाही बरतने के कारण इसके खराब होने के आरोप हैं। इन सभी के खिलाफ सहकारी संस्था ने मामला दर्ज किया है और वसूली के निर्देश हैं। फिर भी सालों से इनसे रिकवरी रुकी हुई है। जेआर मंजू महेंद्र पांडेय ने अब इसके लिए नोटिस जारी किया है। उन्होंने अधिकारियों से पूछा कर्मचारियों को लेकर जानकारी मांगी है। 

पहली चिट्‌ठी सात साल पहले के एक मामले में चली है। भरारी के धान मंडी में दो कर्मचारियों ने मिलकर 26 लाख रुपए का घोटाला कर दिया था। मामले में जांच के बाद दोनों के खिलाफ कार्रवाई हुई। इसके कुछ दिन बाद इनकी बहाली हो गई। अब आगे की कार्रवाई करते हुए इनसे वसूली की प्रक्रिया शुरू हुई है। सहकारी संस्था द्वारा बैंक प्रबंधन को लिखी चिट्‌ठी में इन कर्मचारियों की संपत्ति की जानकारी मांगी गई है। ताकि इसे कुर्की करवाकर पैसों की वसूली हो सके। सहकारी बैंक प्रबंधन ने आगे की प्रक्रिया बढ़ा दी है। 

मस्तूरी ब्लाॅक के सेवा सहकारी समिति भरारी में 2012-13 में भागबली धृतलहरे ने धान खरीदी में गड़बड़ी की। इसके बाद धान खरीदी करने वाले पुकराम धृतलहरे ने भी ऐसा ही किया। पुकराम ने 43,852 क्विंटल धान खरीदा, जिसमें से 20,303 क्विंटल मिलर को 19,425 क्विंटल संग्रहण केंद्र को दिया। उसके पास सोसायटी में 4,123 क्विंटल धान होना चाहिए था, लेकिन मौके पर केवल 250 क्विंटल धान ही है। ग्रामीणों की शिकायत पर कलेक्टर ने सोसायटी में जांच कराई, तब खुलासा हुआ। 

पुकराम ने 3,873 क्विंटल धान की गड़बड़ी की है। जांच में पुष्टि होने के बाद तब के कलेक्टर ने सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सहायक संस्था प्रबंधक, पूर्व संस्था प्रबंधक भागबली धृतलहरे, कम्प्यूटर आॅपरेटर के विरुद्ध नियमानुसार एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे। इसी प्रकरण में आरआरसी जारी कर इनकी संपत्ति की जानकारी मांगने की प्रकिया बढ़ा दी गई है। आने वाले दिनों में बड़ी कार्रवाई के संकेत मिल रहे हैं। सहकारी संस्था की जेआर ने मामले में फाइल बढ़ाई है।

मल्हार में 13 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर, वसूली छह साल से रुकी हुई है 

  • वर्ष 2013-14 में मल्हार सोसायटी में घोटाले की शिकायत कलेक्टर से हुई तो उन्होंने खाद्य विभाग से मामले की जांच कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए। जून 2014 में 31 जुलाई को मस्तूरी थाने में 13 आरोपियों के खिलाफ जुर्म दर्ज करना पड़ा। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अफसर कर्मचारियों को नेता बचाने में जुटे थे। पुलिस ने आरोपी सोसाइटी प्रबंधक, कम्प्यूटर ऑपरेटर, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मस्तूरी के ब्रांच मैनेजर, कैशियर और दो सुपरवाइजर के खिलाफ प्रकरण तो दर्ज कर लिया लेकिन उन्हें पकड़ने की कोशिश तक नहीं की। 

मुंगेली, लोरमी और जांजगीर चांपा में हुई थी ये कार्रवाई, सात साल से ठंडे बस्ते में मामला 

  • सहकारी केंद्रीय बैंक की बिलासपुर, जांजगीर-चांपा व मुंगेली जिले की सोसाइटियों में 2011-12 में धान खरीदी में करोड़ों की गड़बड़ी मिली। अकेले बिलासपुर जिले की 61 सोसाइटियों में सवा छह करोड़ का धान गायब था। जांजगीर-चांपा जिले में 14 करोड़ के धान की हेराफेरी की गई। उस समय अध्यक्ष देवेंद्र पांडेय के अनुमोदन के बाद सीईओ राजेंद्र शर्मा ने मुंगेली के लोरमी शाखा प्रबंधक, बिलासपुर की करगीरोड सोसाइटी के शाखा प्रबंधक, मस्तूरी शाखा प्रबंधक, बिल्हा शाखा प्रबंधक, जांजगीर-चांपा की जैजैपुर शाखा प्रबंधक व डभरा के एक कर्मचारी को निलंबित कर दिया था। 

जिनसे वसूलने हैं पैसे, उन आरोपियों को सहकारी बैंक ने सौंपा है बड़ा प्रभार 

  • सहकारी बैंक के विभिन्न पदों पर बैठे कई कर्मचारियों का दामन पर भी दाग है। इनके खिलाफ भी धान की अफरा तफरी समेत कई तरह के आरोप हैं। सहकारी संस्था के मुताबिक प्रबंधक भागबली धृतलहरे के अलावा, विरेंद्र तिवारी, एनपी अनंत, सिंधु पिल्ले, राजकिशोरी एक्का से भी पैसों की वसूली करनी है। इनसे रकम की वसूली कोई 50 लाख रुपए से ज्यादा है। इनकी अनदेखी कर वर्तमान कर इन्हें कई अहम पदों पर बैठाया गया है। सहकारी बैंक में विरेंद्र तिवारी को अस्थाई रूप से लेखाधिकारी का पद दिया गया है। 

अब शुरू होगी कार्रवाई पैसे वसूल कराए जाएंगे

सहकारी समितियों में धान और दूसरे मामलों में वसूली की प्रक्रिया शुरू कराएंगे। इसके लिए फाइल खुलवाई जा रही है। इनमें वर्ष 2007 से 16-17 के मामले हैं। जिनमें पैसों की रिकवरी होनी है। मैंने अपने कर्मचारियों से उन आरोपियों की सूची मांगी हैं। जिन्होंने धान में गड़बड़ी की है। धान खराब किया है। इनके खिलाफ जल्द ही नोटिस निकालेंगे। और विधिवत वसूली की कार्रवाई शुरू होगी।

मंजू महेंद्र पांडेय, जेआर, सहकारी संस्था, बिलासपु


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