- जिले के 42 केंद्रों में अब धान खरीदी बंद होने के बाद बचे हुए धान को लेकर संकट
- जिला प्रशासन ने कहा- नियमों के अनुसार किसान बाजार में बेच सकते हैं धान
Dainik Bhaskar
Feb 22, 2020, 12:06 PM IST
कोरबा. जिले के 42 केन्द्रों में धान खरीदी अब बंद हो चुकी है। किसान सवाल उठा रहे हैं कि प्रशासन हमें बताए कि बचा धान कहां बेचें। ढाई महीने तक छोटे व्यवसायी भी फुटकर धान नहीं खरीद रहे थे। शासन ने मोटा व सरना धान का मूल्य प्रति किलो 18 रुपए 15 पैसे निर्धारित किया है, लेकिन प्रशासन की कार्रवाई के डर से व्यवसायी धान खरीदने तैयार नहीं हैं। इसकी वजह से किसान परेशान हैं। आने वाले समय में गांवों में शादियों का सीजन शुरू होने जा रहा है। ऐसे में जो किसान धान नहीं बेच पाए हैं, वे सस्ते दाम में बेचने मजबूर होंगे।
जिले में धान की फसल
जिले में धान की फसल का रकबा 95 हजार हेक्टेयर है। एक हेक्टेयर में 30 से 35 क्विंटल तक धान का उत्पादन होता है। इस हिसाब से हर साल 35 लाख क्विंटल धान उत्पादन होता है। जिले में किसानों की संख्या 1 लाख 24 हजार 988 है। जिसमें से 75 प्रतिशत किसान सीमांत हैं। सीमांत का अर्थ जिनके पास 5 एकड़ से भी कम जमीन है। इसी वजह से धान बेचने के लिए मात्र 27 हजार 928 किसानों ने पंजीयन कराया था। उसमें से भी 23 हजार 832 किसानों ने ही 9.88 लाख धान बेचा। नियमत: 18 लाख धान बेचने के लिए किसानों ने पंजीयन कराया था। लेकिन रकबा घटाने व उत्पादन कम बताने की वजह से अधिकांश किसान पूरा धान नहीं बेच पाए।
नियम के अनुसार बेचें अपना धान
एडीएम व धान खरीदी के प्रभारी अधिकारी संजय अग्रवाल का कहना है कि धान खरीदी अब बंद हो गई है। बिचौलिए समितियों में धान न बेचें इसके लिए कार्रवाई की जा रही थी। किसान नियम के अनुसार अपना धान बेच सकते हैं। कहीं कोई रोक नहीं है। धान खरीदी नियमों के तहत की गई है। मंडी लाइसेंस लेने के बाद ही धान का व्यवसाय करने का नियम है। जानकारी के मुताबिक जिले में 84 राइस मिल हैं। जिसमें से 74 ने मार्कफेड के पास धान लेने के लिए पंजीयन कराया है। अभी पौने 3 लाख धान समितियों में जाम है। जब तक वे धान का उठाव नहीं कर लेते तब तक किसानों का धान नहीं खरीदेंगे।
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