- दंतेवाड़ा जिले में दो दिनों से जारी ऑपरेशन के बाद जवानों ने नक्सल कैम्प किया तबाह
- तीन जवान भी हुए थे घायल, फोर्स के अटैक से घबराए नक्सलियों ने किए थे आईईडी ब्लास्ट
Dainik Bhaskar
Feb 26, 2020, 04:51 PM IST
दंतेवाड़ा. छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिले दंतेवाड़ा और बीजापुर से लगे इलाकों में पुलिस बीते दो दिनों से ऑपरेशन प्रहार चला रही थी। इसमें तीन जवान घायल हुए, जिनका इलाज रायपुर में चल रहा है। दंतेवाड़ा के एसपी डॉ अभिषेक पल्लव ने दैनिक भास्कर को बताया कि कंप्यूटर, लैपटॉप और प्रिंटर बरामद किए गए हैं। यह चीजें बड़े कैडर के नक्सली ही इस्तेमाल करते हैं। जाहिर है यह उनका कोर एरिया रहा होगा, जहां से इन सब चीजों का इस्तेमाल किया जा रहा था। टीम अब तक वापस नहीं लौटी हैं, उनके आने के बाद जानकारी और स्पष्ट हो सकेगी। फिल्हाल यहां नक्सली नेता गणेश उईके ,पापाराव ,देवा और बिज़्जा के होने की जानकारी मिली है। यह नक्सलियों के छत्तीसगढ़ में थिंक टैंक हैं।
बुधवार को बासागुड़ा, गंगालूर के इलाकों में नक्सलियों ने पुलिस पार्टी पर फायरिंग की। जवानों की तरफ से मिले जवाब के बाद नक्सली भाग खड़े हुए। टीम ने नक्सलियों का कैम्प तबाह किया। जमीन में एक बड़ा गड्ढा बनाकर पानी के प्लास्टिक टैंक के अंदर नक्सलियों ने प्रिंटर, बैटरी, कंप्यूटर और बड़ी तादाद में दस्तावेज छुपाकर रखे थे। सभी को पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है
सरकारी ब्रॉशर, जवानों के संबंध में लिखा पर्चा भी

जब्त किए गए सामान को ध्यान से देखने पर पता चलता है कि नक्सलियों के सामान में एक ब्रॉशर भी है। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के किसी कार्यक्रम के दौरान की तस्वीर, सौंदर्यीकरण के प्रोजेक्ट की तस्वीरें वगैरह हैं। एक पर्चा भी पुलिस से मिली तस्वीरों में दिख रहा है। जिसमें जवानों के सुसाइड करने आपस में फायरिंग करने का जिक्र है। पिछले विधानसभा चुनाव में रांची में सीआरपीएफ जवान द्वारा अपने कमांडर की हत्या करने, बस्तर के कोड़ेनार में आईटीबीपी जवानों के आपसी संघर्ष का भी जिक्र है। पर्चे में जवानों के परिवार से दूर रहने, सुविधाएं न मिलने जैसी बातें भी लिखी हैं।
हो सकता है बड़ा खुलासा
दंतेवाड़ा के एसपी अभिषेक कहते हैं कि यह एक बड़ी दबिश है। इसका भी खुलासा जल्द होगा कि आखिर किस स्तर का नक्सली लीडर इस कैम्प में था। बरामद किए गए सामान का एनालिसिस करने से कई अहम जानकारियां हमें मिलेंगी। जो नक्सलियों के खिलाफ रणनीति बनाने में सहायक होगा। कई तरह की तस्वीरें और प्रिंट किए गए नक्सलियों के रणनीतिक दस्तावेज मिलने की उम्मीद है। इनमें कई वांटेड नक्सलियों की जानकारी भी हो सकती है।
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