- यह सर्वे कई स्टील कारोबारी समेत होटल व्यवसायियों के ऑफिसों में चल रहा है
- रायपुर और कवर्धा के निजी अस्पतालों में पांच डॉक्टरों ने 9.42 करोड़ सरेंडर किए
Dainik Bhaskar
Feb 20, 2020, 10:32 AM IST
रायपुर. आयकर विभाग बीते 24 घंटे के दौरान राजधानी रायपुर समेत दुर्ग-भिलाई में आधा दर्जन व्यापारिक ठिकानों पर सर्वे कर रहा है। यह सर्वे कई स्टील कारोबारी समेत होटल व्यवसायियों के ऑफिसों में चल रहा है। रायपुर में एमजी रोड और समता कॉलोनी स्थित ओम स्टील ट्रेडर्स, तिरुपति स्टील ट्रेडर्स और शारदा होटल के मालिक गोपाल सांई के साथ भिलाई के विजित स्टील और बशीर खान के यहां सर्वे की कार्रवाई चल रही है। अभी इस सर्वे में कितने की कर चोरी की गई है उसका खुलासा जांच के बाद ही किया जाएगा।
डॉक्टरों ने किए 9.42 सरेंडर
इससे पहले आयकर विभाग ने रायपुर और कवर्धा के निजी अस्पतालों में बुधवार को सर्वें समेट लिया। इस दौरान पांच डॉक्टरों ने 9.42 करोड़ सरेंडर कर दिए हैं। रायपुर के डाॅ. अनुज जाऊलकर ने 1.10 करोड़ और डाॅ. भागवत समूह ने 80 लाख रुपए और कवर्धा के रूपजीवन हॉस्पिटल, परिहार हॉस्पिटल और स्नेहा क्लिनिक तीनों ने 7.52 करोड़ रुपए सरेंडर किया। इनमें से रुपजीवन हॉस्पिटल के संचालक अतुल जैन ने 4.02 करोड़,परिहार हॉस्पिटल के संचालक शशि कपूर परिहार ने 2 करोड़ और स्नेहा क्लिनिक के संचालक नितिन जैन ने 1.50 करोड़ रुपए की आय सरेंडर किए हैं।
बुक आफ एकाउंट मेंटेन नहीं कर रहे थे
अस्पताल संचालकों की ओर से दी गई घोषित आय की जानकारी से आयकर विभाग संतुष्ट नहीं थी। अस्पताल में कई अत्याधुनिक मशीनें लगाए जाने और विशेषज्ञों से बतौर कंसल्टेंट सेवाएं लेने की सूचना थी। इसी आधार पर यहां सर्वे किया गया। आयकर टीम ने अस्पताल में विभिन्न बीमारियों के लिए मरीजों से लिए जाने वाले शुल्क, सालभर में आए मरीजों की संख्या और उनसे ली गई फीस का ब्यौरा चेक किया। यही नहीं, अस्पताल से जारी होने वाले बिलों को भी जांच के दायरे में रखा था। इन सभी के यहां बुक आफ एकाउंट मेंटेन नहीं था।। वहीं एक -दो जगह स्वीकृत बिस्तरों से अधिक में मेडिकल बिजनेस किया जा रहा था
सर्वे में आय सामने आने पर 77% इनकम टैक्स
आईटी एक्ट के तहत सर्वे में आय सामने आने पर 77 फीसदी इनकम टैक्स लगता है। यानी अस्पताल संचालकों को कुल सरेंडर किए गए आय का उतना ही प्रतिशत टैक्स देना पड़ सकता है। आयकर विभाग आय छिपाकर टैक्स नहीं या कम देने वालों की सूची बनाकर लगातार सर्वे किया करेंगे।
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