ग्राम चर्रा में गोस्वामी परिवार द्वारा सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान का शुभारंभ कलशयात्रा से हुआ। गांव भ्रमण पश्चात कथा स्थल पहुंचकर समाप्त हुई। यहां भगवताचार्य प्रमोद शास्त्री ने गोकर्ण महात्मय कथा सुनाई। प्रमुख जजमान दत्तजैन पुरी, अधिवक्ता एलपी गोस्वामी, दीपकुंवर, रामफुल ने सात दिनों तक नियमित कथा श्रवण का संकल्प लिया।
बुधवार को पं. प्रमोद शास्त्री ने भगवान कपिल देव के जन्म प्रसंग पर व्याख्यान दिए। उन्होंने कहा कि लोहा को लोहे से ही काटा जाता है।अन्य किसी धातु से लोहा नहीं कटता उसी प्रकार वासना को वासना से ही काटा जाता है। वासना का विषय कोई स्त्री या पुरूष हो तो वह वासना पतन कराता है, किन्तु वासना का विषय जब भगवान हो तो आत्मकल्याण कराती है। जिस जीव को सुख मिलता है उसी को दुःख भी भोगना पड़ता है। भगवान की भक्ति से ही आध्यात्मिक शांति की प्राप्ति होती है, दुर्लभ वस्तु भी मिल जाता है । भगवताचार्य ने शिव सती चरित्र पर कहा कि शिव तत्व विलक्षण है। जिसके स्पर्श से चिता भस्म भी पवित्र हो जाता है। उसी भस्म को संत महात्मा विद्वान लोग प्रसाद समझकर मस्तक में लगाते हैं। चिताभस्म के समान कोई अशुद्ध नहीं और गंगा जी के समान कोई पवित्र नहीं है, किन्तु दोनों का आधार शिव तत्व है। शिवजी के कंठ में विष है और मस्तक में अमृत है। विष और अमृत दोनों का आधार शिवजी है । नारायण के नाभिकमल से ब्रम्हा हुए, ब्रम्हा से मनु सतरूपा जो मानव के पूर्वज कहलाए। उसी वंश में ध्रुव नामक बालक ने तपस्या से भगवान की गोद में आज भी बैठा है।
आज नृसिंह अवतार की कथा: 27 को अजामिलोपाख्यान, नृसिंह अवतार, 28 को गजेन्द्र मोक्ष, समुद्र मंथन, वामन अवतार, रामावतार, 29 को श्रीकृष्ण प्राकट्य, नंद महोत्सव, बाल चरित्र, गोवर्धन लीला, 1 मार्च को रास वर्णन, रूक्मिणी मंगल, सुदामा चरित्र, 2 मार्च को दत्तात्रेय गीता, परीक्षित मोक्ष कथा निवेदन, 3 मार्च को गीता प्रवचन, तुलसी वर्षा के साथ पूर्णाहूति होगी। कथा प्रतिदिन कैलाशपति महादेव एवं संकट मोचन हनुमान मंदिर में सुबह 10 बजे से दोपहर 2 एवं दोपहर 3 बजे से शाम 5
बजे तक जारी है।
भागवत कथा में श्रीकृष्ण जन्म की कथा सुनाई
मगरलोड| गौरव ग्राम मेघा मंे श्रीमद् देवी भागवत महापुराण कथा जारी है। 29 फरवरी को कथा का समापन होगा। पं. ऋषिकेश तिवारी गरियाबंद वाले ने श्रीकृष्ण जन्म, राम जन्म की कथा सुनाई। श्रीकृष्ण के बचपन में चमत्कारों को बताया। कथा प्रतिदिन दोपहर 1.30 से शाम 5 बजे तक जारी है।
कुरूद. भागवत कथा शुरू होने से पहले महिलाओं ने कलशयात्रा निकाली।
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