{दस्तावेजों में भी करते थे हेराफेरी, पुलिस नहीं बता रही आरोपियों के नाम
उपपंजीयक कार्यालय में जमीन रजिस्ट्री की रकम में घोटाला करने वाले तत्कालीन चार उप पंजीयकों सहित पांच लोगों के खिलाफ पुलिस ने फर्जीवाड़ा, अमानत में खयानत का मामला दर्ज कर लिया है। किंतु अभी आरोपियों के नाम पुलिस सार्वजनिक नहीं कर रही है।
ज्ञात हो कि उपपंजीयक कार्यालय सक्ती में पिछले चार सालों में जमीन रजिस्ट्री के बदले लगने वाले स्टांप शुल्क की राशि को सरकारी खजाना में जमा करने में भारी गड़बड़ी की गई है। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब यहां एसआर चौहान उपपंजीयक बनकर आए। उन्होंने दस्तावेजों की जांच कराई तो उन्हें शक होने लगा था। उन्होंंने अपने अधिकारियों को इसकी जानकारी दी तथा श्री चौहान ने ही थाना में एफआईआर के लिए सूचना दी थी। इसके बाद जांच बढ़ी और जिला पंजीयक ने जांच बाद इसी मामले में दोषी पाए जाने पर सस्पेंशन की अनुशंसा की थी। एसडीओपी शोभराज अग्रवाल ने बताया कि जिला पंजीयक ने चार उप पंजीयक व भृत्य पंकज यादव के विरूद्ध कार्यवाही करने के लिए आवेदन दिया था जिस पर एफआईआर दर्ज की गई है। विगत चार वर्ष में ही लगभग 50 लाख के गबन की सूचना दी गई है। आरोपियों के विरूद्ध धारा 420, 471, 467, 468, 409, 34 भादवि के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है। टीआई मनीष परिहार ने अभी आरोपियों के नाम बताने से इनकार कर दिया।
विवेचना में खुल सकती है अंदरूनी परतें
एक चपरासी बिना किसी बड़े सहारे के लाखों का फर्जीवाड़ा कैसे कर सकता है ? आशंका है कि इसके पीछे किसी ऐसे शख्स का हाथ है जो बड़ी पहुंच रखता है। कई वर्षों से यह खेल चल रहा है, मगर इनसे पहले कई उप पंजीयकों ने अपनी सेवा यहां दी मगर उन्हें इसकी भनक क्यों नहीं लगी।
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