स्वास्थ्य विभाग के मलेरियामुक्त बस्तर अभियान में विभाग की टीम मलेरिया की जांच और इलाज के लिए पहुंचविहीन गांवों तक पहुंच रही है। कोंटा ब्लॉक के गोगुंडा में स्वास्थ्य विभाग की टीम पहाड़ पर 15 किमी की पैदल चढ़ाई कर मलेरिया की जांच करने के लिए पहुंची। टीम ने वहां तीन दिनों तक कैंप लगाकर 856 लोगों की जांच की। इसमें 587 मरीज मलेरिया से पीड़ित पाए गए, जिन्हें तत्काल दवाएं देकर उनका इलाज शुरू कर दिया गया। कैंप में 87 बच्चों को टीके भी लगाए गए। ग्रामीणों ने बताया कि 28 साल बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम उनके गांव पहुंची है। 15 सदस्यों का दल 28 जनवरी को यहां पहुंचा।
दुर्गम रास्ता होने के कारण दल को सामसेट्टी गांव से परिया-गड़गड़पारा तक लगभग 15 किमी का सफर बाइक से करना पड़ा। इसके बाद आगे रास्ता नहीं होने से दल 15 किमी का सफर पैदल तय कर पहुंचा। इस टीम में सुकमा के जिला कार्यक्रम अधिकारी रोहित वर्मा, कोंटा बीएमओ डॉ. कपिल देव कश्यप, चिरायु टीम के डॉ. वेद प्रकाश, आरएमए और सुपरवाइजर शामिल थे। तीन दिनों तक कैंप करने के दौरान जांच किट कम पड़ने पर सामसेट्टी उपस्वास्थ्य केंद्र की एएनएम और दो मितानिनों ने बाइक और पैदल चलकर किट लेकर वापस पहुंचे।
गोगुंडा में शिविर लगाकर ग्रामीणों में मलेरिया की जांच करती टीम।
पहाड़ियों के रास्ते पैदल गोगुंडा की तरफ रवाना हुआ स्वास्थ्य अमला।
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