कलेक्टोरेट में शिक्षा विभाग के अफसरों और शिक्षकों से प्रमुख सचिव शिक्षा डॉ. आलोक शुक्ला ने सीधा संवाद किया। इस दौरान शिक्षकों ने अपने स्वयं के नवाचार के तहत शिक्षण के अनुभव साझा किया, जिसे वे बच्चों में कौशल क्षमता बढ़ाने में शामिल करते हैं। संवाद के दौरान डाॅ. शुक्ला ने कहा कि जब तक शिक्षक अंग्रेजी नहीं बोलेंगे, तब तक बच्चे भी नहीं बोल सकते। इसलिए शिक्षकों को अंग्रेजी बोलने तैयार करना जरूरी है। उन्होंने बताया कि इसके लिए एससीईआरटी को एक हजार शिक्षकों को अंग्रेजी बोलने के लिए प्रशिक्षण देने कहा गया है। इसके साथ ही उन्हाेंने जिले में अंग्रेजी माध्यम का स्कूल शुरू करने प्रस्ताव भेजने कहा। वहीं इसमें अतिथि शिक्षकों के जरिए पढ़ाए जाने की बात भी कही गई।
हर सरकारी स्कूल की होगी अपनी वेवसाइट
डॉ. शुक्ला ने हर सरकारी स्कूल का अपना वेबसाइट बनाने की जानकारी देते बताया कि इसमें शिक्षक संस्था की गतिविधियों को अपलोड करेंगे और शिक्षा विभाग के यू-ट्यूब चैनल में भी शिक्षण गतिविधियों को अपलोड करेंगे। इसके अलावा स्थानीय बोली में अनुवाद कर बच्चों को विषय पढ़ाने कहा गया। कलेक्टर चंदन कुमार ने जिले में चलाए जा रहे शिक्षा की गुणवत्ता के सुधार के बारे में जानकारी दी। इस दौरान अपर कलेक्टर ओपी कोसरिया, जिपं सीईओ नूतन कुमार कंवर, डिप्टी कलेक्टर रवि साहू, जिला शिक्षा अधिकारी जेके प्रसाद, सहायक आयुक्त बद्रीश कुमार सुखदेवे, राजीव गांधी शिक्षा मिशन के डीपीसी श्याम सुंदर सिंह चौहान सहित अन्य मौजूद थे।
सुकमा. बैठक के बाद प्रमुख सचिव शिक्षा ने कुछ स्कूलों का निरीक्षण किया, जहां उन्होंने बच्चों से विषय को लेकर चर्चा भी की।
Source link