क्षेत्र में अन्नदाताओं की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है। धान बेचने के बाद अब बैंक से अपनी ही रकम निकालने के लिए किसान दर-दर भटक रहे हैं। कई किसानों के खाते में पूरी रकम भी नहीं आई है। इधर किसानों को बैंकों से किस्तों में पैसा दिया जा रहा है।
जिला सहकारी बैंक विश्रामपुरी में ऐसा ही नजारा बुधवार को देखने को मिला जब वहां बड़ी संख्या में किसान बैंक के बाहर धरने के अंदाज में बैठे थे। महिलाएं एवं बुजुर्ग भी बड़ी संख्या में वहां दिन भर बैंक के अधिकारी का इंतजार करते रहे। सुबह 9 बजे से यहां आए किसानों को बताया गया है कि बैंक के अधिकारी रकम लाने केशकाल या कोंडागांव गए हुए हैं वे रकम लेकर आएंगे तो किसानों में थोड़ी-थोड़ी राशि दी जाएगी। किसानों को बताया गया है कि प्रत्येक को 10हजार रुपये से अधिक नहीं मिलेगा। इसके बावजूद शाम 4 बजे तक रकम लेने गए अधिकारी नहीं लौटे थे।
एक दिन चूके तो सप्ताह भर बाद आएगा नंबर:
जिला सहकारी बैंक में भीड़ एवं रकम की किल्लत को देखते हुए अलग-अलग सोसाइटी के लिए सोमवार से शनिवार तक अलग-अलग दिन निर्धातर किया है। किसानों को इससे किसी प्रकार की राहत मिलती नहीं दिख रही है बल्कि इससे एक अलग समस्या खड़ी हो जाती है। जब तय दिन बैंक में पैसे नहीं आते तो सप्ताह भर बाद पुनः उसी दिन का इंतजार करना पड़ता है। किसान धान बेच चुके हैं किंतु उनकी रकम खाते में नहीं दिख रही है और न ही ऑनलाइन दिख रहा है जिससे किसान परेशान हैं। जिला सहकारी बैंक की शाखा कोण्डागांव के मुनगापदर के 21 किसान एवं बड़े राजपुर क्षेत्र के 29 किसान जिनके खाते में रकम नहीं पहुंची न ही रकम ऑनलाइन दिखाई दे रहा है। संबंधित अधिकारियों ने एनआईसी रायपुर भी चर्चा की किंतु वहां से भी अब तक समाधान नहीं निकल पाया है।
किसी के घर में शादी है तो किसी को अन्य के पैसे देने हैं
बैजनपुरी निवासी श्याम सुंदर ने बताया कि उसे खेत की मरम्मत करानी है। ग्राम कोसमी के हीरा सिंह मरकाम को मकान बनवाना है। लिहागांव निवासी बृजलाल ने बताया कि ट्यूबवेल का लगभग 50 हजार का भुगतान बाकी है। मालगांव के दयाराम ने बताया कि अधूरे मकान को पूरा करने उसे रकम चाहिए।
अफसर का दावा किसानों को समय पर मिल रहा रकम
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक कोण्डागांव के नोडल अफसर फैज मोहम्मद खान ने बताया कि अब तक जिले में 26980 किसानों को 201 करोड़ 89 लाख 95 हजार 919 खाते में डाले गए हैं। धान बेचने वाले किसानों के खाते में रकम जमा हो चुकी है। भुगतान में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं है। बड़ी संख्या में किसान एक साथ भुगतान के लिए पहुंचते हैं। जिससे भुगतान में थोड़ी बहुत दिक्कत होती है।
बैंक का दावा अब तक इतनी रकम खाते में आ गई
केशकाल – 43.87 करोड़
कोंडागांव – 52.71 करोड़
फरसगांव – 40.20 करोड़
माकड़ी – 25.80 करोड़
विश्रामपुरी – 39.30 करोड़
विश्रामपुरी. जिला सहकारी बैंक के बाहर अधिकारी का इंतजार करते किसान।
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