बीजिंग : कोरोना वायरस को लेकर पूरी दुनिया की आलोचना झेल रहा चीन अब डैमेज कंट्रोल कर रहा है. अब चीन के विदेश मंत्रालय ने कोरोना वायरस के उद्गम स्थल ( Birth place) खोजने के लिए अपनी कोशिशों की जानकारी दुनिया से साझा की है. कोरोना वायरस चीन ने निकला जिसने देखते देखते पूरी दुनिया को अपनी चपेट में लिया, 5G इंटरनेट के दौर में किसी ने सोंचा भी नहीं होगा कि एक वायरस इंसान की जिंदगी जीने के तरीकों को बदलने के साथ, कई महीनों तक सबकुछ थाम कर रख देगा. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के 2 विशेषज्ञों के चीन दौरे के बाद बीजिंग और संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी द्वारा कोरोना वायरस के उद्गम का पता लगाने की योजना पर आगे बढ़ने का खुलासा हुआ.
चीन के विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा कि विशेषज्ञों ने अपने दो हफ्ते के प्रवास के दौरान वायरस के उद्गम का पता लगाने के लिए वैज्ञानिक अनुंसधान में सहयोग हेतु प्रारंभिक परामर्श किया. दो हफ्ते तक चली मेडिकल विजिट बीते रविवार को समाप्त हुई.
वांग ने बताया कि उनकी बातचीत कोरोना वायरस की आबादी, पर्यावरण, मॉल्युकूल, पशु से उद्गम और संक्रमण से संबंध के साथ आगे के वैज्ञानिक शोध की योजना को लेकर थी.उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने डब्ल्यूएचओ के अंतर्गत विश्व स्वास्थ्य सभा द्वारा कोरोना वायरस के उद्गम का पता लगाने के लिए वैश्विक प्रयास को लेकर पारित प्रस्ताव में चीन के योगदान की संभावित रूपरेखा पर चर्चा की. हालांकि, यह सहयोग कितनी जल्दी शुरू होगा इसको लेकर कोई वादा नहीं किया गया.
चीन पर लगे हैं ये आरोप
-वायरस को बनाया, जानकारी छिपाई
-वुहान का सच सामने आने से रोका
-वुहान एनिमल मार्केट से मिटाए सबूत
-जानकारी देने वालों की आवाज़ दबाई
-जांच दल को चीन आने से रोका गया
-कुल मामलों की जानकारी नहीं दी
-देश में हुई मौतों की सही जानकारी नहीं दी
-खराब मेडिकल उपकरणों की आपूर्ति
गौरतलब है कि कोरोना वायरस का सबसे पहले पता पिछले साल के आखिर में चीन के वुहान में लगा था, जो वहां के मांस बाजार से फैला, जहां खाने के लिए जंगली जानवारों की बिक्री होती है. वहीं वैज्ञानिकों का मानना है कि वायरस चमगादड़ जैसे जंगली जानवरी से इंसानों में मध्यवर्ती प्रजाति संभवत: पैंगोलिन के माध्यम से पहुंचा.हालांकि,चीन का कहना है कि महामारी के पूरी तरह से नियंत्रण में आने तक पूर्ण जांच का इंतजार करना चाहिए.चीन ने महामारी शुरू होने के बाद डब्ल्यूएचओ (WHO) को इसकी जानकारी देने में देरी के आरोपों को भी खारिज कर दिया है.
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