श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में कल दर्दनाक खबर आई। यहां पर सेना (Army Attack) के तीन अधिकारियों और अन्य जवानों की शहादत से देश सिहर उठा। आतंकियों की इस वारदात ने अब एक बार फिर चिंता में डाल दिया है। पाकिस्तानी घुसपैठियों की इस करतूत से अधिकारी सतर्क हो गए है। इस बीच, शहीद हुए एक अधिकारी ने अपने परिवार से आखिरी बार बात की थी। इसके चलते कर्नल मनप्रीत सिंह (Colonel Manpreet) मेजर आशीष और डीएसपी हुमायूं भट शहीद हो गए। आतंकी हमले में शहीद होने वाले कर्नल मनप्रीत सिंह उस बटालियन का नेतृत्व कर रहे थे, जिसने बुधवार की सुबह अनंतनाग में ऑपरेशन फिर से शुरू किया था। गोलीबारी में वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे और बाद में उन्होंने दम तोड़ दिया था। इस ऑपरेशन से पहले कर्नल मनप्रीत ने बुधवार की सुबह 6:45 बजे अपने परिवार के सदस्यों से बात की थी और कहा था कि वह अभी बिजी हैं और शाम को उनसे बात करेंगे। जानकारी के मुताबिक कर्नल मनप्रीत ने 17 साल की सेवा पूरी कर ली थी, वह 41 वर्ष के थे, कर्नल मनप्रीत सिंह मोहाली जिले के भड़ौंजिया गांव के रहने वाले थे। उनकी 68 वर्षीय मां मंजीत कौर उनके छोटे भाई संदीप सिंह के साथ रहती हैं, जिन्हें आज सुबह 5:30 बजे कर्नल मनप्रीत की शहादत की जानकारी दी गई। आपको बता दें कि कर्नल मनप्रीत ने 2 दिन पहले अपने छोटे भाई से कहा था कि वह जल्द ही छुट्टियों पर आएंगे। उनके दिवंगत पिता लखमीर सिंह सेना में बतौर सिपाही भर्ती होकर हवलदार के पद से रिटायर हुए तो वहीं चाचा भी सेना में रहे है। जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों को मार गिराने के बाद कर्नल मनप्रीत को वीरता के लिए 2021 में सेना पदक से सम्मानित किया गया था. कर्नल मनप्रीत सिंह ने कुल 17 साल की सेवा में 5 साल तक राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन के साथ सेकंड इन कमांड और फिर कमांडिंग ऑफिसर के रूप में जिम्मेदारी निभाई थी. वह अगले 4 महीनों में राष्ट्रीय राइफल्स के साथ अपना कार्यकाल पूरा करने वाले थे। बताया जाता है कि शहीद कर्नल मनप्रीत ने अपनी स्कूली शिक्षा मोहाली के मुल्लापुर स्थित एक सरकारी स्कूल से पूरी की थी। उन्हें 2003 में लेफ्टिनेंट कर्नल और 2005 में उन्हें कर्नल के रूप में पदोन्नत किया गया था. उनके परिवार में उनकी पत्नी जगमीत ग्रेवाल, मां और दो बच्चे हैं, जिनमें एक 6 साल का बेटा और 2 साल की बेटी शामिल है।
शहीद अफसर के आखिरी शब्द थे ‘अभी बिजी हूं, शाम को बात करूंगा’


