कोरोना और लॉकडाउन के बाद अब नगरीय निकाय चुनाव की रणनीति में बदलाव किया जाएगा.
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में बढ़ते कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन (Lock Down) ने पॉलिटिकल पार्टियों का भी टेंशन बढ़ा दिया है. प्रदेश में होने वाले निकाय चुनावों (Chhattisgarh Nikay Chunav Update) की रणनीति पार्टियां पहले ही तैयार कर चुकी हैं. लेकिन अब संक्रमण और लॉकडाउन के हिसाब से रणनीति में बदलाव किया जा रहा है.
इस वक्त रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बालोद, बेमेतरा और कोरबा जिले में टोटल लॉकडाउन रखा गया है. जबकि आगामी चुनाव भी इन्ही जिलों में होने हैं जिसमें दुर्ग जिले के भिलाई, रिसाली और जामुल नगर निगम में चुनाव होंगे. वहीं राजनांदगांव जिले के नगरपालिका परिषद खैरागढ़ और बेमेतरा जिले के नगर पंचायत मारो और रायपुर के बीरगांव नगर निगम में चुनाव होंगे. इन्ही जिलों में इस वक्त सबसे ज्यादा संक्रमण और लॉकडाउन भी है. इसलिए अब वर्चुअल प्रचार के साथ कोरोना संक्रमित और उनके परिवार के लोगों की मदद के जरिए जनता तक पहुंचने की रणनीति तैयार की गयी है.
कांग्रेस का दावा
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संचार प्रमुख शैलेष नितिन त्रिवेदी ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं को कोरोना संक्रमित लोगों और उनके परिजनों की मदद करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी पीड़ितों की मदद करने के निर्देश दिये हैं. कांग्रेस इस वक्त कोई भी राजनीतिक गतिविधि का संचालन नहीं करेगी.चुनाव कार्यक्रम का ऐलान टला
अब तक माना जा रहा था कि इस महीने चुनाव के तारीखों का ऐलान हो जाएगा. लेकिन बढ़ते संक्रमण की वजह से राज्य निर्वाचन आयोग ने भी चुनाव कार्यक्रम का ऐलान लंबित रखा है. फिर भी कयास अब भी ये लगाये जा रहे हैं कि जून में चुनाव कराये जा सकते हैं. वर्तमान स्थिति को देखते हुए नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक का कहना है कि दुर्ग जिले में ही तीन नगरीय निकायों में चुनाव होना है. रायपुर के भी बीरगांव नगर निगम में चुनाव होने हैं. लेकिन इन दो जिलों में संक्रमण सबसे ज्यादा है. इसलिए अभी चुनाव से ज्यादा जरूरी लोगों की ज़िंदगी बचाना है. हांलाकि पार्टी की तरफ से बीजेपी कार्यकर्ताओं को भी अपने इलाकों में कोरोना संक्रमित परिवारों की मदद के लिए कहा गया है.
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बढ़ते कोरोना संक्रमण के बाद भी देश के अन्य राज्यों में चुनाव हो रहे हैं. लेकिन छत्तीसगढ़ के आंकड़े अभी चिंताजनक है. ऐसे में राज्य निर्वाचन आयोग भी जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेना चाहता. इसलिए परिस्थियों के मद्देनज़र चुनाव की तारीखों का ऐलान होगा. लेकिन इतना जरूर है कि डोर-टू-डोर कैम्पेनिंग की जगह कोरोना काल में अब जनता तक डोर-टू-डोर मदद पहुंचेगी


