Edited By Garima Singh | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated:

कोरोना वायरस के कारण बढ़ रहे संक्रमण से पूरी दुनिया जूझ रही है। हर देश अपने स्तर पर इस वायरस के संबंध में अधिक से अधिक जानकारी जुटाकर वैक्सीन तैयार करने की कोशिश कर रहा है। इस बीच हमारे देश में भी सरकार की तरफ से आपातकालीन स्थिति में कोरोना मरीज पर रेमेडिसिवर दवाई के उपयोग की अनुमति दे दी है…
कोरोना के इलाज में होगा इस दवाई का उपयोग
-रेमेडिसिवर दवाई का उत्पादन गिलियड साइंस इंक द्वारा किया गया है। कंपनी की तरफ से दी गई जानकारी के आधार पर कहा जा रहा है कि ट्रायल के तीसरे चरण में भी यह दवाई कोरोना के मरीजों के उपचार में सहायक पाई गई है।
Apocalyptic Virus: अगर ये वायरस आया तो मिटा देगा आधी दुनिया!
-थर्ड फेज के ट्रायल में इस दवाई का उपयोग कोविड-19 से ग्रसित और निमोनिया पीड़ित मरीजों पर किया गया था। इसके रिजल्ट में पाया गया है कि मेडिकल ट्रीटमेंट के साथ अगर इस दवाई की 5 डोज लगातार 5 दिन तक पेशंट को दी जाएं तो वह कोरोना संक्रमण से जल्दी ठीक होता है।

भारत में कोरोना वायरस का इलाज
इन मरीजों में हुआ इंप्रूवमेंट्स
-मरीजों पर किए गए तुलनात्मक अध्ययन में यह देखा गया कि जिन मरीजों को सिर्फ स्टैंडर्ड ट्रीटमेंट दिया जा रहा है, उनकी तुलना में उन मरीजों में अच्छा इंप्रूवमेंट हुआ है, जिन्हें स्टैंडर्ड ट्रीटमेंट के साथ रेमेडिसिवर की डोज लगातार 5 दिन तक दी गईं। इस दवाई का कोर्स 5 दिन का है।
इबोला के लिए तैयार हो रही थी दवा
-रेमेडिसिवर दवाई का ट्रायल इबोला वायरस के इलाज को ध्यान में रखकर किया जा रहा था। लेकिन यह दवाई इबोला के उपचार में किए गए क्लिनिकल ट्रायल को पास नहीं कर पाई थी। इसके चलते इस दवाई को इबोला ट्रीमेंट के लिए उपयोग नहीं किया जा सका।
Coronavirus Updates: मरीजों पर ढीली पड़ रही है कोरोना की पकड़?
– लेकिन कोरोना के इलाज में इस दवाई का काफी सकारात्मक असर देखने को मिल रहा है। मरीजों की सेहत में देखे गए सुधार के आधार पर भारत सरकार ने कंपनी द्वारा दी गई गाइडलाइन्स के आधार पर कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए रेमेडिसिवर के उपयोग की अनुमति दे दी है।
– हालांकि साथ में यह भी कहा गया है कि हेल्थ एक्सपर्ट्स को सभी गाइलाइन्स फॉलो करने के साथ ही इस दवाई का उपयोग करने के पर्याप्त रेकॉर्ड्स भी रखने होंगे।

कोरोना के इलाज में मददगार है इबोला के लिए बन रही दवाई
भारत में ऐसे हुए शुरुआत
-भारत में रेमेडिसिवर के प्रोडक्शन के लिए गिलियड को वॉलेन्ट्री लाइसेंस देकर सिप्ला कंपनी के साथ प्रॉडक्शन की अनुमति दी गई है। कोविड-19 के इलाज में इस दवाई का उपयोग हेल्थ एक्सपर्ट्स द्वारा एक अल्टरनेटिव दवाई के रूप में किया जाएगा।
Shopping Tips: खरीदारी के दौरान कोरोना से बचने के लिए इन चीजों को ना लगाएं हाथ!
-भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से इस दवाई का उपयोग तब तक करने की अनुमति दी गई है, जब तक कोरोना वायरस संक्रमण को दूर करने का कोई अन्य विश्वसनीय विकल्प नहीं मिल जाता है। या फिर तब तक, जब तक कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन कोरोना संक्रमण से ‘अंतराष्ट्रीय महामारी’ का टैग नहीं हटा लेता।
भारतीय ड्रग कलेक्टर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI), वीजी सोमानी द्वारा कोरोना के इलाज के लिए रेमेडिसिवर के उपयोग की अनुमति दे दी गई है, यह जानकारी हेल्थ मिनिस्ट्री के जॉइंट सेक्रेट्री लव अग्रवाल द्वारा दी गई। हालांकि डीसीजीआई की तरफ से इस बात को पूरी तरह साफ किया गया है कि रेमेडिसिवर का उपयोग केवल आपातकालीन स्थिति में ही किया जा सकता है।
Coronavirus: सेनिटाइजर उपयोग करने का सही तरीका, लापरवाही से लग सकती है आग
Coronavirus: किस धातु पर कितने दिन जीवित रहता है कोरोना, जानें संक्रमण का समय
Source link