Thursday, June 26, 2025
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coronavirus patients funeral in different countries | अमेरिका से लेकर इजराइल तक कोरोना से मौत पर ऐसे होता है अंतिम संस्कार

नई दिल्ली: दुनिया भर में कोरोना (coronavirus) से अब तक ढाई लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. इस वायरस के संक्रमण से मरने वालों का आंकड़ा हर दिन जारी किया जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि कोरोना से मौत होने पर शव का अंतिम संस्कार कैसे किया जाता है?

अलग-अलग देशों में इसके लिए अलग नियम हैं. ज्यादातर देशों में कोरोना से मरने वाले व्यक्ति के परिजनों को शव को छूने की इजाजत नहीं होती.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, कोरोना से मौत होने पर शव को जलाया भी जा सकता है और दफनाया भी जा सकता है. परिजन शव को केवल दूर से ही देख सकते हैं. शव का अंतिम संस्कार स्पेशल टीम के द्वारा किया जाता है, जिन्हें इसके लिए खास ट्रेनिंग दी जाती है. शव का अंतिम संस्कार करने वाले मेडिकल स्टाफ PPE किट पहन कर शव का अंतिम संस्कार करते हैं. पूरी प्रक्रिया के बाद PPE किट को फेंक कर हाथ धोने होते हैं.

मुसलमानों और ईसाइयों में शव को जलाने की बजाय दफनाने का रिवाज होता है. लेकिन कई देशों ने इस महामारी के चलते रिवाजों को न देखते हुए शव को जलाने के आदेश दिए हैं. इसके पीछे 2 बड़े कारण हैं. एक तो ये कि बड़ी संख्या में मौत से कई देशों में शवों को दफनाने के लिए जगह कम पड़ रही है और दफनाने के मुकाबले शव को जलाने से वायरस के नष्ट होने की संभावना होती है.

चीन के नेशनल हेल्थ कमीशन ने कोरोना से मरने वाले लोगों के अंतिम संस्कार को लेकर स्थानीय प्रसाशन को शव को जलाने के निर्देश दिए हैं. फिर चाहे वो व्यक्ति किसी भी धर्म का हो. आम तौर पर जहां मौत के बाद शव को नहला कर, कपड़े बदल कर, पूरे रीति रिवाज के साथ अंतिम संस्कार किया जाता है, कोरोना से होने वाली मौत में इसकी इजाजत नहीं होती.

श्रीलंका में भी चीन की ही तरह शव को जलाने के आदेश हैं. यहां तक कि मृतक की रिपोर्ट अगर नेगेटिव भी आई हो और उसमें कोरोना के महज लक्षण भी हों तब भी एहतियातन उसे जलाया ही जाता है.

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अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन द्वारा दी गई गाइडलाइन के मुताबिक, लोग अपने धर्म और रिवाज के हिसाब से अंतिम संस्कार कर सकते हैं लेकिन इसमें 10 से ज्यादा लोग शामिल नहीं होने चाहिए. इसके साथ ही ये सलाह भी दी गई है की परिजन शव को छूने, चूमने या नहलाने से बचें.

ब्रिटेन के नेशनल एसोसिएशन ऑफ फ्यूनरल डायरेक्टर्स की गाइडलाइंस के मुताबिक मृतक के परिजनों को अंतिम संस्कार करने की अनुमति है, लेकिन उनसे ये अनुरोध किया गया है कि अंतिम संस्कार में बिल्कुल देरी नहीं की जानी चाहिए. साथ ही ये भी कहा गया है कि परिवार के सिर्फ कुछ  नजदीकी संबंधी ही इसमें हिस्सा लें.

इटली में भी कोरोना से होने वाली मौत के अंतिम संस्कार के लिए सख्त नियम हैं. कोरोना से मरने वाले लोगों का शव अस्पताल से कॉफिन में ही बाहर लाया जाता है. इसके साथ 2 से 4 रिश्तेदार जा तो सकते हैं लेकिन उन्हें शव को देखने तक कि अनुमति नही होती. शव को अस्पताल के गाउन में ही दफनाया जाता है लेकिन परिवार द्वारा दिए गए कपड़े को कॉफिन के ऊपर रख कर दफनाने की अनुमति होती है.

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इजराइल में मृतक के परिजनों को चेहरा देखने की अनुमति होती है लेकिन उन्हें PPE किट पहनना जरूरी है. साथ ही शव को नहला कर कपड़े पहनाने का रिवाज भी कायम है लेकिन ये रिवाज घर वाले नहीं, बल्कि ट्रेंड वॉलेंटियर करते हैं.

भारत की बात करें तो यहां कोरोना से मरने वाले लोगों को रिवाज के हिसाब से जलाने या दफनाने की अनुमति है लेकिन अंतिम संस्कार के लिए शव को नहलाने या छूने पर प्रतिबंध है. भारत सरकार की गाइडलाइंस के मुताबिक, कोरोना संक्रमित शव को ट्रेंड हेल्थकेयर वर्कर ही ले जा सकते हैं. हेल्थ केयर वर्कर और मृतक के परिजनों के लिए PPE किट पहनना अनिवार्य है.




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