सुकमा के कोंटा पहुंचा युवक.
शहीद जवानों के घरों से मिट्टी इकठ्ठा करने निकला युवक उमेश गोपीनाथ के मिशन को कोरोना ने रोक दिया है.
महाराष्ट्र के उमेश गोपीनाथ ने देश के शहीद जवानों के घरों से मिट्टी एकत्रित कर उस मिट्टी से कश्मीर में भारत का मानचित्र बनाने का मिशन लेकर निकले थे. वो 12 राज्यों का भ्रमण करते हुए करीब 64 हजार किमी का सफर तय कर चुके है. वो अब सुकमा के कोंटा पहुंच चुके थे. गाड़ी पर तिरंगा और पीछे ट्राली जिसमे सेना के जवानों के समान के अलावा मिट्टी थी.
2019 में की थी शुरुआत
भारत माता के जयकारों के बीच वो सुकमा के कोंटा पहुंचा तो देखने वालों को भीड़ उमड़ गई. उमेश ने वहां जनता से बात की और घरों में रहने की अपील की. उमेश ने बताया कि उसने 2019 में बेंगलूर के सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर से शुरू किया और इसका समापन गुजरात मे करना था, लेकिन कोरोना के कारण प्लान में तब्दील कर दिया गया. मिट्टी इकठ्ठा करने के पीछे की कहानी बताते हुए उमेश ने कहा कि पुलवामा में हमला हुआ, जिसके बाद मन विचलित हो गया. उसी समय मिशन बन गया कि शहीद जवानों को श्रधांजलि देने के लिए कश्मीर में भारत का नक्शा बनाऊंगा। ताकि देशवासियों को एक संदेश दे सकूं. न्यूज़18 से चर्चा करते हुए उमेश ने बताया कि में जिस सड़क से चलकर आया हु उसे बनाने के लिए भी जवान शहीद हुए है। कोरोना के कारण वापस लौटना पड़ रहा है, लेकिन में वापस आऊंगा और बस्तर के शहीद जवानों के घरों की मिट्टी से मेरा मिशन पूरा होगा.ये भी पढ़ें:
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First published: April 20, 2020, 6:47 AM IST


