बालाघाट: मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के लालबर्रा वन परिक्षेत्र में एक मृत बाघ की वायरल हुई तस्वीर ने वन विभाग और वन्यजीव प्रेमियों के बीच हड़कंप मचा दिया है। कुछ दिन पहले पोटूटोला और चीतलटोला के बीच एक नहर में एक मृत बाघ का शव मिलने की खबर सामने आई थी। इसकी तस्वीर ‘सोनवानी वन अनुभव केंद्र’ नामक एक व्हाट्सएप ग्रुप में वायरल हुई, जिसके बाद से यह सवाल उठ रहा है कि आखिर बाघ का शव गया कहाँ।
क्या है पूरा मामला?
सोनेवानी वन्यजीव सुरक्षा समिति के व्हाट्सएप ग्रुप में सोनेवानी के कक्ष क्रमांक 443 में बहने वाले नाले में मृत अवस्था में पड़े एक बाघ की फोटो शेयर की गई थी। इसके बाद ग्रामीणों ने भी इस बात की पुष्टि की कि उन्होंने नहर में बाघ का शव देखा था। खबर मिलते ही लालबर्रा और वारासिवनी वन विभाग की टीमें एसडीओ बी.आर. सिरसाम और वन्यजीव प्रेमियों के साथ पूरे दिन सोनेवानी अभयारण्य में तलाशी अभियान चलाती रहीं, लेकिन बाघ का शव नहीं मिला।
जिस स्थान पर बाघ के मृत होने की बात कही गई थी, वह सोनेवानी अभयारण्य का ही हिस्सा है, जिससे यह सवाल और भी गहरा हो गया है कि जगह तो सही है, लेकिन बाघ का शव कहाँ गायब हो गया।
जांच की मांग और संदेह
वन्यजीव प्रेमी सिकंदर मिश्रा ने बताया कि ग्रुप में फोटो आने के बाद जब उन्होंने अपने सूत्रों से पता किया तो घटना की पुष्टि हुई। उन्होंने कहा कि बाघ के शव का न मिलना कई आशंकाएं पैदा करता है। उनका मानना है कि बाघ के शव मिलने की खबर के बाद, संभवतः इससे जुड़े लोगों ने वनकर्मियों की मिलीभगत से शव को ठिकाने लगा दिया है। उन्होंने इस मामले की गंभीरता से जांच की मांग की है।
वन विभाग ने शुरू की जांच
एसडीओ बी.आर. सिरसाम ने बताया कि वन विभाग के डॉग स्क्वॉड, फ्लाइंग स्क्वॉड और वनकर्मियों ने पूरे क्षेत्र में गहन तलाशी अभियान चलाया, लेकिन उन्हें कोई सफलता नहीं मिली। उन्होंने बताया कि इस पूरे मामले की गहनता से जांच के लिए लालबर्रा और वारासिवनी परिक्षेत्र की दो टीमें गठित की गई हैं, जो पूरे जंगल और क्षेत्र का निरीक्षण करेंगी। यह मामला अब वन विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है।