भोपाल। मध्य प्रदेश में 18 साल की भारतीय जनता पार्टी, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) जितने मजबूत हुए हैं, उससे कहीं ज्यादा अधिकारी लॉबी (IAS Lobby) मजबूत हुई है। इन 18 सालों में मुख्यमंत्री के पसंदीदा अधिकारी हमेशा पॉवर गैलरी में रहे। कई अफसर तो ऐसे हैं जिनकी आधी से ज्यादा नौकरी मुख्यमंत्री के आस—पास ही कट गई। प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को तो दो बार एक्टेंशन भी मिल चुका है। ऐसे में अक्सर विपक्ष ने आरोप लगाए हैं कि अधिकारी वर्ग सत्ता पक्ष के ‘हित’ में निर्णय लेते हैं। कई बार तो परेशान कांग्रेसी नेताओं ने अधिकारियों को बदलने के लिए मुहिम तक छेड़ दी तो कई बार भरे मंच से अधिकारियों को ‘ललकार’ दिया। अधिकारियों को डांटने—फटकराने वाले नेता अब उन्हें साधने में लग गए हैं।
ताजा मामला पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से जुड़ा है। उन्हें सोशल मीडिया वेबसाइट पर एक के बाद एक तीन ट्वीट किये। दिग्गी के मुताबिक मध्य प्रदेश में ऐसे कई आईएएस अधिकारी हैं, जिन्होंने सरकार को फायदा पहुंचाने के लिए अपने उच्च अधिकारियों की ‘गैरकानूनी निर्देश’ नहीं माने तो बड़े अधिकारियों ने उनकी गोपनीय चरित्रावली (सीआर) खराब कर दी। ऐसे अधिकारियों के प्रति सहानूभूति जताते हुए दिग्विजय सिंह ने लिखा है कि अगर मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी तो आपकी सीआर सुधारी जाएगी। दिग्विजय सिंह ने अधिकारियों से कहा है कि अधिकारी बिना किसी डर के काम करें, मध्य प्रदेश की बेहतरी के लिए खुद को समर्पित करें।
जनवरी 2023 में एक रैली के दौरान कहा था— ‘मैं कहना चाहता हूं कि आठ महीने में चुनाव हैं। डरिएगा मत, आक्रामक रहिए। अधिकारियों और पुलिस को कह दीजिएगा कि 8 महीने में हम आपसे हिसाब लेंगे। सभी कर्मचारी और पुलिस के लोग कान खोलकर सुन लें कि उनका अच्छा हिसाब लिया जाएगा।’ कमल नाथ ने पिछले दिनों हुए नगरीय निकाय चुनावों में भी अधिकारियों को भाजपा के पक्ष में काम करने का आरोप लगाया था। तब कमल नाथ ने कहा था कि 15 महीने बाद (विधानसभा चुनाव 2023) ऐसे अधिकारियों से बदला लिया जाएगा।
निवाड़ी जिले के तत्काली प्रभारी दामोदर दास यादव ने एक बार सतना कलेक्टर और निगम कमिश्नर पर निशाना साधते हुए कहा था— ऐसे अधिकारी आरएसएस के ध्वज को प्रणाम कर रहे थे, इन्हें नालायक नहीं कहूं तो और क्या कहूं।
इसके अलावा कांग्रेस नेता पूर्व मंत्री जीतू पटवारी सहित कई नेता सार्वजनिक मंचों से अधिकारियों पर भाजपा के पक्ष में कार्य करने का आरोप लगा चुके हैं। वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह, राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा सहित पूरी कांग्रेस मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को हटाने के लिए प्रयासरत है। कांग्रेस का आरोप है कि सीएस चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं।