डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाली अमेरिका की धमकी और अतिरिक्त टैरिफ लगाने की कोशिशों के बावजूद भारत ने रूस से तेल खरीदना जारी रखा है। इस कदम की रूस ने सराहना की है और दोनों देशों के बीच मजबूत होते संबंधों पर जोर दिया है। एक RTI (सूचना का अधिकार) के जवाब में, रूसी विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि भारत के साथ अपनी दोस्ती तोड़ने के कोई भी प्रयास सफल नहीं होंगे।
भारत-रूस संबंध: ‘आत्मविश्वास और सहयोग’ पर आधारित
रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत और रूस के बीच संबंध लगातार आत्मविश्वास और आपसी सहयोग के साथ आगे बढ़ रहे हैं। ये साझेदारी कुछ महत्वपूर्ण सिद्धांतों पर आधारित है:
संप्रभुता: दोनों देश एक-दूसरे की संप्रभुता का सम्मान करते हैं।
नागरिकों के हित: दोनों देशों की नीतियाँ अपने नागरिकों के हितों को सर्वोच्च मानती हैं।
राष्ट्रीय हितों की सर्वोच्चता: दोनों देश अपने-अपने राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखते हैं।यह बयान दर्शाता है कि अमेरिका द्वारा रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों के बावजूद, भारत ने अपने राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता दी है और रूस के साथ अपनी ऊर्जा साझेदारी को बनाए रखा है। यह घटनाक्रम वैश्विक राजनीति में भारत की स्वतंत्र विदेश नीति को रेखांकित करता है।