भोपाल। कहते हैं राजनीति में साम, दाम, दंड, भेद का जहां हो सके वहां इस्तेमाल किया जा सकता है। ऐसे में मध्य प्रदेश कांग्रेस के कुछ नेताओं और उनसे जुड़े व्यवसायियों पर जांच एजेंसियां छापे मार सकती हैं। पूर्व में यह बयान कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और भूतपूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने दिया था। अब ऐसे नेताओं के नाम सामने आने लगे हैं जिनपर प्रवर्तन निदेशालय ईडी छापे मार सकती है। इनमें नया नाम अभय मिश्रा का जुड़ गया है। खुद अभय मिश्रा ने यह खुलाया किया है। उन्होंने एक सभा करके कहा है कि मध्य प्रदेश में ED के छापे पड़ सकते हैं। अभय मिश्रा ने आशंका जाहिर की है कि उनके यहां ED के छापे पड़ने वाले है। छापे पड़ें इसके पहले अभय ने विरोध में अपने सिर पर कफन भी बांध लिया है।
यह पहली बार नहीं हो रहा है, जब विपक्षी दलों के नेताओं ने सत्तारूढ़ भाजपा पर सत्ता का दुरुपयोग करने का आरोप मढ़ा हो। हर बार चुनाव से पहले ऐसी चर्चा जोर पकड़ लेती है। हाल ही में विधानसभा चुनाव के बीच राजस्थान में केंद्रीय एजेंसियां ईडी और इनकम टैक्स सक्रिय हैं। पिछले दिनों ईडी ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटसरा के यहां छापा मारा था। इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को भी ईडी ने समन भेजा था। राजस्थान सरकार में सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना के ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापेमारी की कार्रवाई की थी।
इसके बाद मध्य प्रदेश में भी यह अंदेशा जताया जाने लगा है कि प्रदेश में छापेमारी हो सकती है। आपको बता दें कि पिछले ही दिनों दिग्विजय सिंह ने केंद्र सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है कि राजस्थान की तरह ही मध्य प्रदेश में भी केंद्रीय जांच एजेंसी के छापे पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि मेरे पास जो जानकारी है वह बताती है कि आने वाले चार दिनों यह छापे पड़ेंगे। उन्होंने इसे अपना खुले तौर पर आरोप बताया है। दिग्विजय ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि अगर छापे पड़ते हैं तो आपको पता चल जाएगा कि मुझे श्ह जानकारी कहां से मिलती है। हालांकि दिग्विजय ने यह नहीं बताया कि छापे किनके यहां पड़ने वाले हैं।
क्यों डरे हैं अभय मिश्रा
सिर में कफन बांधकर प्रेसवार्ता करके खुद पर ईडी छापे की बात कर रहे अभय मिश्रा के मामले में यह चर्चा जोरों पर है कि उन्होंने कांग्रेस को 20 करोड़ रुपये देकर रीवा जिले की सेमरिया से टिकट लिया है। दरअसल, अभय का मामला बड़ा ही रोचक है। अभय अगस्त महीने में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे, लेकिन डेढ़ महीने के अंदर ही वे फिर कांग्रेस में शामिल हो गए हैं।