Wednesday, June 18, 2025
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Ex-AIIMS Chief Dr. Randeep Guleria Explains The Reason For Increasing Cases Of Seasonal Flu NDTV Hindi NDTV India – मौसमी इन्फ्लूएंजा के केस बढ़ने का AIIMS के पूर्व प्रमुख डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बताया यह कारण..

मौसमी इन्फ्लूएंजा के केस बढ़ने का AIIMS के पूर्व प्रमुख डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बताया यह कारण..

डॉ. गुलेरिया ने कहा, मौसमी इन्फ्लूएंजा के ज्‍यादातर मामलों में अस्‍पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ रही

खास बातें

  • कहा-तीन साल से हम कोविड अनुरूप व्‍यवहार कर रहे थे
  • मास्‍क पहनने, लगातार हाथ धोने से सीजनल फ्लू से बच रहे थे
  • यह स्थिति अब खत्‍म हो गई और हम वायरल इंफेक्‍शन की चपेट में आ रहे

नई दिल्‍ली :

देश में मौसमी इन्फ्लूएंजा के मामलों पर केंद्र सरकार निगाह जमाए हुए हैं. पिछले कुछ माह में देश में मौसमी इंफ्लूएंजा के जो मामले में आए हैं उनमें से ज्‍यादातर H3N2 वायरस के हैं. इसके अलावा H1N1 वायरस  के कुछ मामले भी दर्ज हुए है. H3N2 वायरस से संक्रमित रोगियों के लक्षण कोरोना से काफी मेल खाते हैं, इस कारण लोग कई बार घबरा जाते हैं. H3N2 वायरस को “हांगकांग फ्लू” के नाम से भी जाना जाता है. सीजनल इन्फ्लूएंजा और H3N2 वायरस से जुड़े विभिन्‍न मुद्दों पर NDTV ने एम्‍स, दिल्‍ली के पूर्व प्रमुख डॉक्‍टर रणदीप गुलेरिया से बात की. इस बार फ्लू के मामले बढ़ने के कारण पर प्रकाश डालते हुए डॉ. गुलेरिया ने कहा, “इस बार इन्फ्लूएंजा के कई केस सामने आ रहे हैं, इसके पीछे तीन-चार प्रमुख कारण माने जा सकते हैं. सबसे प्रमुख प्रमुख कारण यह है कि पिछले दो-तीन साल से हम कोविड अनुरूप व्‍यवहार (COVID Appropriate Behaviour) का पालन कर रहे थे. हम सोशल डिस्‍टेंसिंग के नियम का पालन कर रहे थे,  मास्‍क पहन रहे थे और नियमित तौर पर हाथ धो रहे थे. यह व्‍यवहार हमें विभिन्‍न वायरल इंफेक्‍शन से बचा रहा था.

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इन्फ्लूएंजा  के खिलाफ जनरल इम्‍युनिटी कुछ कम हो गई है

उन्‍होंने कहा कि यह स्थिति अब लगभग खत्‍म हो गई है और हम सांस से संबंधित वायरल इंफेक्‍शन के चपेट में आ रहे. जब मौसम चेंज हो रहा है तो यह मामले सामने आ रहे हैं. एक और बात यह है कि कोविड के कारण पिछले कुछ सालों में जनरल इन्फ्लूएंजा के मामले आम लोगों में सामने नहीं आए थे. इन्फ्लूएंजा  के खिलाफ जनरल इम्‍युनिटी कुछ कम हो गई है इसलिए अब हम इसकी चपेट में आ रहा है. कोविड के कारण इन्फ्लूएंजा  डोमिनेंट वायरल इफेक्‍शन के तौर पर सामने नहीं आया था.

ज्‍यादातर मामलों में अस्‍पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ रही

उन्‍होंने कहा कि अच्‍छी बात यह है कि मौसमी इन्फ्लूएंजा के ज्‍यादातर मामलों में अस्‍पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ रही. बुखार, सदी-खांसी और शरीर में दर्द इसके लक्षण हैं. क्‍या एनफ्लुंएजा की वैक्‍सीन बचाव करने में सक्षम हैं, इसके जवाब में डॉ. गुलेरिया ने कहा कि गंभीर रूप से बीमार बुजुर्गों को हर साल यह वैक्‍सीनेशन कराना चाहिए. यह वैक्‍सीन, स्‍वाइन फ्लू सहित चार स्‍ट्रेन को कवर करती है. एक अन्‍य सवाल के जवाब में कहा कि यदि आपको फ्लू जैसे लक्षण हैं जो आपको कोविड के अलावा एनफ्लुएंजा जैसे टेस्‍ट भी कराना चाहिए. बेहतर है कि डॉक्‍टर से सलाह लें. उन्‍होंने कहा कि इन्फ्लूएंजा को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है. इसमें सिरदर्द, शरीर दर्द, कफ और बुखार जैसे लक्षण देखे गए हैं. कुछ मामलों में कफ के लंबे समय तक रहने की बात सामने आई है लेकिन आमतौर पर 7 से 10 दिनों में पेशेंट पूरी तरह ठीक हो जाते हैं. इसके साथ ही उन्‍होंने कहा कि co-morbidities वाले उम्रदराज लोगों को ज्‍यादा ऐहतियात बरतने की जरूरत है, उन्‍हें इसका ज्‍यादा असर होता है. वैसे मार्च माह के अंत तक सीजनल एनफ्लूएंजा के मामले में काफी कमी आने की संभावना है. 

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