बीजिंग: 32 साल पहले जिस बच्चे का अपहरण कर लिया गया था और अपने परिवार से दोबारा मिल पाना उसके लिए नामुमकिन था, फेशियल रिकॉग्निशन टेक्नोलोजी ने इसे मुमकिन कर दिखाया है. आज ये शख्स एक व्यस्क है और तकनीक की मदद से लंबे अरसे बाद अपने परिवार से मिल पाया है.
चाइनीज स्टेट-ब्राॅडकास्टर सीसीटीवी के अनुसार, 1988 में माओ यिन को दो साल की उम्र में शांग्सी प्रांत के एक होटल से उसके माता-पिता से दूर कर दिया गया. इसके बाद उसे सिचुआन प्रांत के एक निःसंतान दंपति को बेच दिया गया.
माओ को उसके दत्तक माता-पिता ने गू निनग्नि के रूप में बड़ा किया. हालांकि अधिकारियों ने माओ के दत्तक माता-पिता के बारे में कोई और जानकारी साझा नहीं की है.
सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, अप्रैल के आखिर में जिआन में पुलिस को सुराग मिला कि सिचुआन प्रांत में एक व्यक्ति 1980 के दशक में शांग्सी प्रांत से एक बच्चा लेकर आया था.
पुलिस ने फेशियल रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी का उपयोग कर माओ की बचपन की एक पुरानी फोटो को एनालाइज किया और फिर एक व्यस्क के रूप में उसकी आभासी फोटो निकाली, जिसकी राष्ट्रीय डेटाबेस में तस्वीरों के साथ तुलना की गई.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, डीएनए टेस्ट के आधार पर आखिरकार वह खोया हुआ बेटा निकला. माओ के खो जाने के बाद, ली ने अपनी नौकरी छोड़ दी और खुद को पूरी तरह से बेटे को खोजने में लगा दिया. माओ ने कहा कि पहले उसने ली को टीवी पर अपने खोए हुए बेटे के बारे में बोलते हुए देखा था और वह उसकी हिम्मत से प्रभावित भी हुआ, लेकिन वह यह पहचान नहीं पाया कि वो उसके पिता हैं और वो लड़का वह खुद है, जिसको खोजने के लिए ली ने दशकों बिता दिए.
माओ, सिचुआन में अब होम डेकोरेशन का बिजनेस करता है, और उसने कहा कि वह अपने सगे माता-पिता के साथ रहने के लिए सिचुआन चला जाएगा.
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