ललितपुर। जिला कांग्रेस कमेटी ने किसानों की समस्याओं को लेकर ललितपुर और महरौनी के विधायक को ज्ञापन सौंपे। इसमें आरोप लगाया है कि लागत और फसलों के दाम में भारी अंतर के कारण किसान आत्महत्या करने को विवश हैं। कर्जमाफी के वादे को सरकार अमल में नहीं ला सकी है।
जिलाध्यक्ष बलवंत सिंह राजपूत की अगुवाई में ज्ञापन सौंपते हुए आरोप लगाया कि किसानों की प्रमुख समस्या छुट्टा जानवरों द्वारा फसलों की बर्बादी है। पिछले तीन- चार वर्षो में कृषि लागत कई गुना बढ़ गई है। इसमें जुताई, मढ़ाई, सिंचाई के उपकरण, डीजल और बिजली की महंगाई शामिल है। किसानों के धन का बड़ा हिस्सा फल व सब्जी के रखरखाव में खर्च हो जाता है। फसल बीमा के नाम पर बहुत कम ही किसानों का इसका लाभ मिल पा रहा है।
वहीं, बीमा कंपनी मालामाल हो रही हैं। मांग की है कि सरकार फसल बीमा का बजट बढ़ाए, जिससे प्रत्येक किसान को उसकी फसल नुकसान का मुआवजा मिल सके। खाद, बीज, डीजल, बिजली और कीटनाशक पर पचास प्रतिशत की सब्सिडी मिले। न्याय पंचायत स्तर पर कोल्ड स्टोरेज गोदामों की स्थापना की जाए। बता दें कि कांग्रेस किसान जन जागरण अभियान चला रही है। इसमें किसानों से फार्म भराए जा रहे हैं। ज्ञापन पर रमानाथ सिंह, डॉ. रामसिंह यादव, उवेश खान, बहादुर सिंह, प्रदीप रिछारिया, राकेश रजक, डॉ. सुनील खजुरिया, मो. आसिफ, मोहनसिंह चंदेल, रामअवतार सिंह लोधी, जगभान सिंह आदि के हस्ताक्षर बने हैं।
जिलाध्यक्ष बलवंत सिंह राजपूत की अगुवाई में ज्ञापन सौंपते हुए आरोप लगाया कि किसानों की प्रमुख समस्या छुट्टा जानवरों द्वारा फसलों की बर्बादी है। पिछले तीन- चार वर्षो में कृषि लागत कई गुना बढ़ गई है। इसमें जुताई, मढ़ाई, सिंचाई के उपकरण, डीजल और बिजली की महंगाई शामिल है। किसानों के धन का बड़ा हिस्सा फल व सब्जी के रखरखाव में खर्च हो जाता है। फसल बीमा के नाम पर बहुत कम ही किसानों का इसका लाभ मिल पा रहा है।
वहीं, बीमा कंपनी मालामाल हो रही हैं। मांग की है कि सरकार फसल बीमा का बजट बढ़ाए, जिससे प्रत्येक किसान को उसकी फसल नुकसान का मुआवजा मिल सके। खाद, बीज, डीजल, बिजली और कीटनाशक पर पचास प्रतिशत की सब्सिडी मिले। न्याय पंचायत स्तर पर कोल्ड स्टोरेज गोदामों की स्थापना की जाए। बता दें कि कांग्रेस किसान जन जागरण अभियान चला रही है। इसमें किसानों से फार्म भराए जा रहे हैं। ज्ञापन पर रमानाथ सिंह, डॉ. रामसिंह यादव, उवेश खान, बहादुर सिंह, प्रदीप रिछारिया, राकेश रजक, डॉ. सुनील खजुरिया, मो. आसिफ, मोहनसिंह चंदेल, रामअवतार सिंह लोधी, जगभान सिंह आदि के हस्ताक्षर बने हैं