ग्वालियर, मध्य प्रदेश: ग्वालियर के पूर्व नगर निगम कमिश्नर और आईएएस अधिकारी विनोद शर्मा से 25 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। एक दंपति ने उन्हें प्लायवुड के कारोबार में मोटी कमाई का लालच देकर पार्टनर बनाने का झांसा दिया और लाखों रुपये ऐंठकर फरार हो गए। इतना ही नहीं, दंपति ने पूर्व आईएएस के नाम का इस्तेमाल कर अन्य लोगों से भी लाखों रुपये की ठगी की है। शिकायत के बाद क्राइम ब्रांच पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
क्या है पूरा मामला?सिटी सेंटर, कुसुमकुंज आई ब्लॉक, ओहदपुर निवासी 66 वर्षीय विनोद शर्मा ने मोनिका बरुआ और उनके पति कुलरंजन बरुआ, जो मूलतः असम के निवासी हैं, पर 25 लाख रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। ठग दंपति ग्वालियर में पॉम रेजीडेंसी के फ्लैट नंबर ई-302 में विनोद शर्मा के पड़ोसी थे। पड़ोस में रहने के कारण विनोद शर्मा की कुलरंजन से अक्सर मुलाकात होती रहती थी।बताया गया है कि विनोद शर्मा के बेटे श्रीकांत और शरद शर्मा का सचिन तेंदुलकर मार्ग पर एक 10 हजार वर्गफीट का प्लॉट खाली पड़ा था। पिछले साल 1 अप्रैल 2024 को कुलरंजन ने विनोद शर्मा से मुलाकात कर बताया कि वह प्लायवुड का धंधा करता है और अपने कारोबार के लिए उनके बेटों का प्लॉट 50 हजार रुपये महीना किराए पर लेना चाहता है। सौदा तय होने के बाद कुलरंजन ने प्लॉट पर दफ्तर और गोदाम खोल लिया।
पार्टनरशिप का झांसा और लाखों की ठगी
किराएदार बनने के कुछ दिनों बाद, कुलरंजन ने विनोद शर्मा को प्लायवुड के कारोबार में पार्टनर बनाने का प्रस्ताव दिया। उसने मोटी कमाई का लालच देते हुए कहा कि उसे धंधे के सारे गुर पता हैं और मुनाफे की गारंटी भी दी। उसने कहा, “आप तो सिर्फ 50 प्रतिशत के पार्टनर बनो, बाकी काम वह संभाल लेगा।” कुलरंजन की बातों में आकर पूर्व आईएएस विनोद शर्मा पार्टनर बनने के लिए तैयार हो गए।16 अप्रैल को मोनिका के साथ ‘रिद्धि डोर इंडस्ट्री’ के नाम से मुनाफे की पार्टनरशिप तैयार की गई। मोनिका के साथ बैंक में एक जॉइंट अकाउंट भी खोला गया, जिसकी चेकबुक और पासबुक मोनिका और कुलरंजन ही अपने पास रखते थे। पार्टनर बनाने के बाद, कुलरंजन और मोनिका ने प्लायवुड की खरीद और कारोबार की जरूरतों का हवाला देकर कुछ किस्तों में विनोद शर्मा से कुल 25 लाख रुपये ले लिए।
न हिसाब, न मुनाफा, फिर गायब हुए ठग दंपति
विनोद शर्मा के अनुसार, दंपति ने उन्हें कभी कारोबार का हिसाब-किताब नहीं बताया और न ही मुनाफे की कोई रकम दी। जब उन्होंने इस बारे में पूछताछ की, तो दंपति टालमटोल करते रहे। बाद में उन्हें पता चला कि दंपति ने उनके नाम का इस्तेमाल कर कई अन्य लोगों को प्लायवुड का सामान मुहैया कराने के नाम पर भी पैसे लिए हैं।जब पूर्व आईएएस ने दंपति की तलाश की, तो वे अपने घर और दफ्तर दोनों से गायब मिले और उनके फोन भी बंद आ रहे थे। इसके बाद, विनोद शर्मा ने इसकी शिकायत क्राइम ब्रांच पुलिस में की।
पुलिस ने दर्ज किया मामला, तलाश जारी
एडिशनल एसपी हेडक्वार्टर, ग्वालियर, निरंजन शर्मा ने बताया कि पुलिस ने ठगी करने वाले दंपति के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और उनकी तलाश शुरू कर दी गई है। यह मामला एक उच्च पदस्थ अधिकारी से हुई ठगी के कारण चर्चा का विषय बना हुआ है।