रायपुर. छत्तीसगढ़ में नक्सल अभियान के दौरान अक्सर स्टेट पुलिस और सेंट्रल फोर्सेस के बीच तालमेल की कमी की खबरें आती रहती हैं. इस बीच बीएसएफ के एडीजी आरएस भट्टी ने छत्तीसगढ़ पुलिस से कोऑपरेशन, कोऑर्डिनेशन और इंटेलिजेंस शेयरिंग को उच्च स्तर का बताया है. उनका कहना है कि वे स्टेट पुलिस के साथ पूरी तालमेल के साथ काम कर रहे हैं. नक्सल विरोधी अभियान में साल 2009-10 से काम कर रहे बीएसएफ ने अब तक की अपनी उपलब्धियों को बताया. बीएसएफ के एडीजी आरएस भट्टी ने 2021 की उपलब्धियों पर चर्चा की.
एडीजी भट्ठी ने बताया कि नक्सल विरोधी अभियान, नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास के लिए सुरक्षा की भावना और सुदृढ़ करने में सीमा सुरक्षा बल की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. बीएसएफ जब राज्य में आई यहां 41 कैंप स्थापित हुए. आज वही कैंप बढ़कर 108 हुए कैंपो की संख्या में ढाई गुना वृद्धि हुई है. वहीं अब कांकेर और भानुप्रतापपुर में बीएसएफ के 2 डीआईजी मुख्यालय स्थानांतरित हुए है. साल 2021 में 03 शस्त्र मुठभेड़ हुए हैं. उन्होने बताया कि अब तक बीएसएफ के 38 अधिकारी और जवानों की शहादत हुई, 1650 माओवादियों की गिरफ्तारी हुई और 18 माओवादियों को मार गिराए गया. साथ ही 891 माओवादियों को सरेंडर करने पर मजबूर किया.
सजाज सेवा भी कर रही है बीएसएफ
इसके अलावा नक्सल प्रभावित इलाकों में रहने वाले लोगों के साथ बीएसएफ के जुड़ाव को लेकर उन्होंने बताया कि 2021 में कांकेर और नारायणपुर में 24 हेल्थकेंप लगे जिसमे 240 गांव के 6438 लोगो ने लाभ लिया. साथ ही 2021 में कांकेर और नारायणपुर के 280 गांव के सहायता के लिए 1.44 करोड़ रुपए की वस्तुएं उपलब्ध कराई गई. नक्सलियों की फंडिग को लेकर उन्होंने कहा कि नक्सलियों के फंडिंग के जो स्त्रोत हैं, उसकी हमें जानकारी रहती है और हम स्टेट पुलिस से और स्टेट पुलिस हमसे ये जानकारी शेयर करते हैं और कार्रवाई की जाती है. समय-समय पर ऐसे लोगों को जनता के सामने भी लाया जाता है.
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