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Thursday, December 25, 2025
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how to cure psoriasis permanently: dermatologist shares tips to help manage psoriasis during winters – Psoriasis in Winter: सर्दियों में इस विटामिन की कमी से बढ़ सकता है सोरायसिस, डर्मेटोलॉजिस्ट से जानिए निपटने के बेहतरीन तरीके

नेशनल सोरायसिस फाउंडेशन द्वारा किये गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, सोरायसिस (त्वचा का रोग) से पीड़ित 10 में से 4 लोगों ने बताया कि सर्दी के मौसम में उनकी हालत और गंभीर हो जाती है। सोरायसिस एक चिरकालिक, ऑटोइम्यून अवस्था है जो मोटी, सूजन-भरी, लाल, खुजलाहट-भरी त्वचा के रूप में उभरता है। सोरायसिस के संकेत और लक्षण विभिन्न पर्यावरणीय और आनुवांशिक घटकों के कारण ठंड के मौसम के दौरान और अधिक बिगड़ जाते हैं।

सोरायसिस दुनिया भर में 125 मिलियन से अधिक लोगों को प्रभावित करता है, और इस रोग के वैश्विक बोझ में भारत का योगदान 20% है। हालांकि हाल के वर्षों में चिकित्सा और विज्ञान में प्रगति के साथ बायोलॉजिक्स जैसे उन्नत उपचार के विकल्प मरीज की ज़रुरत और उसकी पूर्ति का अंतर पूरा कर सकते हैं। बायोलॉजिक्स, विशेषकर मध्यम से गंभीर सोरायसिस के मरीजों के लिए उपचार के सुरक्षित और अधिमान्य विकल्प माने जाते हैं।

फोर्टिस हॉस्पिटल, नोएडा के डॉ. राजीव शेकरी, त्वचा रोग विशेषज्ञ के अनुसार, ‘सोरायसिस के लक्षणों को प्रभावित करने वाले अनेक कारक हो सकते हैं, जिनमें आनुवंशिकता, तनाव, संक्रमण और तापमान में परिवर्तन आदि शामिल हैं। अपने नैदानिक अनुभव में, मैं सर्दियों के दौरान सोरायसिस के रोगियों की संख्या में वृद्धि देख रहा हूं और उनके लक्षणों के और बिगड़ जाने की शिकायत सुन रहा हूं। हालांकि, सर्दियों के दौरान यह स्थिति ज्यादा खराब हो सकती है।

​क्‍या हैं उपचार के सही विकल्प

इस रोग की गंभीरता के आधार पर सही उपचार के विकल्प के साथ इसे आसानी से और प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है। बायोलॉजिक्स जैसे इलाज के उन्नत विकल्प को प्राथमिकता दी जाती है और इससे मध्यम से गंभीर सोरायसिस वाले रोगियों की त्वचा साफ होने में मदद मिल सकती है।

जीवन शैली और आहार में परिवर्तन के साथ ही, सर्दी के मौसम के दौरान स्थिति को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के लिए निर्धारित उपचार योजना का पालन अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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​विटामिन-डी की कमी बढ़ा सकता है सोरायसिस

आर्मी कॉलेज ऑफ़ मेडिकल साइंसेज, दिल्ली के त्वचा रोग विभाग के प्रोफेसर, डॉ. संदीप अरोड़ा ने कहा कि, ‘सर्दियों के दौरान त्वचा की सतह पर पर्याप्त नमी न होने के कारण त्वचा में अतिरिक्त शुष्कता होती है। इसके कारण रोगाणुओं तथा एलर्जन्स आकर्षिक हो सकते हैं जिससे सोरायसिस बढ़ सकता है।

विटामिन डी की कमी सोरायसिस वाले लोगों में भी आम है और सर्दियों में यह रोग विशेष रूप से व्याप्त होता है। चूंकि विटामिन डी त्वचा कोशिकाओं की वृद्धि और प्रतिरक्षा प्रणाली के नियमन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, इसलिए यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि इस समय के दौरान रोग का भड़कना आम बात होती है।

इसलिए, किसी को सोरायसिस के बढ़ते लक्षणों की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए और ध्यान रखना चाहिए कि स्थिति को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए निर्दिष्ट उपचार की समय-सारणी का पालन करना महत्वपूर्ण है।

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सही कपड़ों का चुनाव करें

सर्दियों में ऊनी कपड़े और स्वेटर एक चलन हो जाते हैं। लेकिन सोरायसिस से पीड़ित लोगों के लिए ऊन तथा सिंथेटिक वस्त्र सर्वोत्तम विकल्प नहीं हैं क्योंकि ऊन की खुजली पैदा करने के गुण के कारण सूखी और छिली त्वचा में जलन हो सकती है जिसके कारण सोरायसिस भड़क सकता है। सोरायसिस के रोगियों के लिए एक मोटा जैकेट पहनने के बदले कई परतों वाले सूती कपडे पहनना ज्यादा अच्छा रहता है।

​त्वचा विशेषज्ञ से परामर्श करें

अगर ठंड में आपके लक्षण बढ़ते रहते हैं, तो बेहतर है कि त्वचा रोग विशेषज्ञ (डर्मेटोलॉजिस्ट) से मिलें। लाइट थेरेपी, टॉपिकल और बायोलॉजिक्स सहित उपचार के अनेक विकल्प उपलब्ध होने के कारण आपका त्वचा रोग विशेषज्ञ आपकी अवस्‍था के लिए सबसे अनुकूल उपचार का विकल्प बता सकता है।

​त्वचा की नमी बनाए रखें

खुजली और पपड़ी पड़ने के लक्षणों को कम करने के लिए त्वचा का नम रहना महत्वपूर्ण है। इसलिए, संवेदनशील त्वचा के लिए निर्धारित नमी से भरपूर साबुन या क्लींजर का उपयोग करें। यह सोरायसिस के चकत्तों को ठीक करने में मदद कर सकता है। साथ ही, ठंड में सोरायसिस को नियंत्रित करने की योजना में आप सुगंधरहित लोशन, मलहम या क्रीम का बार-बार प्रयोग शामिल कर सकते हैं।

​गर्म पानी से ज्‍यादा देर न नहाएं

इसके अलावा, सर्दियों में देर तक गर्म पानी से स्नान करने से आपकी त्वचा शुष्क हो सकती है और सोरायसिस भड़क सकता है। रोग का भड़कना रोकने के लिए स्नान करने में कम से कम समय लगाना चाहिए और गर्म पानी से 15 मिनट से अधिक देर तक स्नान नहीं करना चाहिए।

​जीवन में लाएं ये बदलाव

विशेषरूप से ठंड के महीनों में पानी का सेवन बढ़ाकर अपने शरीर को हाइड्रेटेड रखने से आपके शरीर को त्वचा की शुष्कता से लड़ने में मदद मिल सकती है। नियमित व्यायाम, अच्‍छी नींद, पौष्टिक आहार से स्वस्थ जीवनशैली विकसित हो सकती है। तनाव भी सोरायसिस को उत्तेजित करने का एक कारण हो सकता है। तनाव कम करने के लिए व्यायाम और विश्राम तकनीकों का अभ्यास करें।

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इस तरह से, रोग बढ़ाने वाले संभावित कारणों को समझने और अपने शरीर तथा त्वचा की देखभाल करने से सोरायसिस के लक्षणों और इसके भड़कने को रोका और नियंत्रित किया जा सकता है। इससे ठंड के मौसम में पीड़ा कम करने में मदद मिल सकती है।


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