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Immunity Booster Drink: : आज से सरकार ने लॉकडाउन को चरणों में खोलने का फैसला लिया है। हालांकि, कई visheshagyon द्वारा यह कहा जा रहा है की लॉकडाउन खोलने के बाद स्थिति और खराब होगी, लेकिन अर्थव्यवस्था को रोके रखना भी कोई निवारण नहीं है। आप कोरोना के खतरे का इस तरह से अंदाजा लगाएं की जब पूरा देश लॉकडाउन पर था, तब भी यह बढे जा रहा था। अब लॉकडाउन खुलने के बाद इसकी तस्वीर कितनी भयावह होने वाली है, इसका अंदाजा पिछले कुछ दिनों के कोरोना के रोगियों के नम्बर्स से लगाया जा सकता है। ऐसे में हम सभी को अपनी इम्युनिटी पर काम करने की जरूरत है। यहां आपको यह भी बता दें की इम्युनिटी एक दिन में बूस्ट नहीं होती। किसी भी चीज का लगातार सेवन ही आपकी इम्युनिटी को स्ट्रांग बनता है।आयुर्वेद से लें मदद

आयुर्वेद को कोरोना से बचाने के लिए या लड़ने के लिए कारगर माना जा रहा है। इसका मतलब यह नहीं है की आयुर्वेद में कोरोना का इलाज है। आयुर्वेद की मदद से आप अपने शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता को बेहतर कर सकते हैं। अश्वगंधा से लेकर आयुर्वेद में तमाम ऐसे उपाय हैं, जिससे मदद लेकर आप अपनी इम्युनिटी बूस्ट कर सकते हैं।
पीएं ये आयुर्वेदिक नुस्खा

इस आयुर्वेदिक नुस्खे को बनाने के लिए आपको इन चीजों की पड़ेंगी जरूरत:
- कालमेघ
- चिरायता पाउडर
- गिलोय
- तुलसी के बीज
- मुलेठी
कैसे बनाएं इम्युनिटी बूस्टर ड्रिंक?

एक पैन में एक ग्लास पानी को उबाल लें। इसके बाद आधी बड़ी चम्मच ऊपर दी गई सभी सामग्री ड़ाल कर मिक्स कर लें। अच्छे से मिक्स हो जाने के बाद इसे ठंडा होने दें। इसके बाद आप इसे पी सकते हैं। इसके अलावा, आप चाहे तो आप ऊपर दी गई सामग्री को रात पर पानी में रख सकते हैं और अगली सुबह इन्हें ले लें। दोनों ही तरीके अच्छे से काम करते हैं। अगर आप इसका स्वाद अच्छा न लगे तो आप इसमें एक चम्मच शहद मिला सकते हैं। शहद भी शरीर में इम्युनिटी बूस्ट करने का काम करता है।
क्या हैं इस ड्रिंक के फायदे?

आयुर्वेद वैसे ही आपके शरीर को किसी तरह से हानि नहीं पहुंचाता है। ड्रिंक में मौजूद सभी सामग्री अपने-अपने तरीके से शरीर के इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत करने में मदद करती है।
गिलोय

गिलोय से बुखार खत्म करने में मदद मिलती है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-कैंसर, एंटी-ऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज होती हैं। अब तक हुए कुछ क्लीनिकल ट्रायल्स में यह बात भी सामने आई है की Covid 19 से जुड़े लक्षणों के मामले में यह आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी मदद करती है। इसके अलावा, गिलोय- एंग्जायटी और तनाव को कम करने में भी मदद करता है।
कालमेघ

कालमेघ में एंटी-ऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज होती हैं। अगर आपको ज्यादा जुकाम, फ्लू और सांस से जुडी अन्य इन्फेक्शन्स हैं तो कालमेघ इसे खत्म करने में सहायता करता है। यह शरीर में कफ और पित्त को बैलेंस करता है। इससे पाचन प्रक्रिया बेहतर होती है और शरीर के टोक्सिन भी बाहर निकल जाते हैं। कालमेघ को रोजाना लेने के कई लाभ हैं।
तुलसी के बीज

तुलसी सिर्फ पूजनीय नहीं है बल्कि इसके कई अन्य लाभ भी हैं। तुलसी से शरीर में मौजूद कफ ठीक होता है। यह पाचन क्रिया को भी ठीक करती हैं। अगर तुलसी के बीज आपको नहीं मिलते तो आप इस चाय में तुलसी के पत्ते भी ड़ाल सकते हैं।
चिरायता

चिरायता काफी आम जड़ी-बूटी है। इसके बारे में अधिकतर लोगों को ज्ञान होगा। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज तो है ही, साथ में इसमें एंटी-अस्थमैटिक प्रॉपर्टीज भी हैं। इसे किसी भी तरह का छाती में रुकाव दूर हो जाता है।
मुलेठी

गले की खराश से लेकर सूखे कफ तक मुलेठी इन सभी परेशानियों का ख्याल रखती है। इसमें मौजूद तत्वों से गले से संबंधित समस्याएं दूर होती हैं और इम्युनिटी बूस्ट होती है।
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