बिहार में महागठबंधन की पार्टियों के बीच सीटों के बंटवारे का फॉर्मूला बुधवार को ‘लगभग तय’ हो गया जिसके तहत कांग्रेस 11 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. हालांकि वाम दलों को साथ लेने पर सहमति नहीं बन पाई है. सूत्रों के मुताबिक, सीटों के तालमेल के बारे में अगले कुछ दिनों के भीतर ही घोषणा की जा सकती है.
आरजेडी और कांग्रेस नेताओं की दिल्ली में बुधवार देर रात तक लंबी बैठकें हुईं जिनमें सीटों के बंटवारे को लेकर हफ्तों से चले आ रहे गतिरोध को दूर करने पर चर्चा हुई.
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, ‘ बैठक में सीटों का बंटवारा लगभय तय हो गया है. राजद की ओर से कांग्रेस के लिए 11 सीटों पर रजामंदी दी गई है.’ उन्होंने कहा, ‘महागठबंधन में शामिल सभी पार्टियों को पूरा सम्मान मिलेगा और पूरी संभावना है कि 17 मार्च को सीटों के बंटवारे की घोषणा की जाए.’
सूत्रों के मुताबिक, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव महागठबंधन में आरएलएसपी, हम, लोकतांत्रिक जनता दल और मुकेश साहनी की विकासशील इंसान पार्टी को साथ रखना चाहते हैं. वह राज्य में वाम दलों का सीमित आधार होने का तर्क दे कर उन्हें सीटें देने के पक्ष में नहीं हैं. दूसरी तरफ कांग्रेस चाहती है कि एक या दो सीटें देकर वाम दलों को भी महागठबंधन में साथ रखा जाए.
बिहार में 40 लोकसभा सीटें हैं जिनमें से बीजेपी ने पिछले लोकसभा चुनाव में 22 सीटें जीती थीं. एलजेपी को 6 सीटें मिली थीं, वहीं आरजेडी को मात्र 4 सीटें मिली थीं. जेडीयू ने 2 सीटें और कांग्रेस ने 2 सीटें जीती थीं.