नई दिल्ली। दिग्गज स्क्रिप्ट और लिरिक्स राइटर जावेद अख्तर ने हाल ही में फिल्मी गानों की गुणवत्ता को लेकर चिंता व्यक्त की है और तीखी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि आज के दौर में हिंदुस्तानी संगीत का स्तर काफी नीचे जाने लगा है।जावेद अख्तर ने कहा कि गाने ही फिल्मों को खास और यादगार बनाते हैं, लेकिन मौजूदा समय में संगीत की दिशा सही नहीं है। उन्होंने म्यूजिक के इस्तेमाल को लेकर पश्चिमी और भारतीय संस्कृति के अंतर को समझाया:पश्चिमी देश: उन्होंने कहा कि वेस्टर्न देशों में लोग म्यूजिक को ‘सुनते’ हैं, लेकिन उसे ‘गाते’ नहीं हैं।
हिंदुस्तान की पहचान: इसके विपरीत, उन्होंने कहा, “हिंदुस्तान गाना गाने वालों का मुल्क है। हमें गाना इसलिए चाहिए, क्योंकि हमें खुद उस गाने को गाना है।”जावेद अख्तर का इशारा स्पष्ट था कि भारतीय संगीत को ऐसे गानों की रचना करनी चाहिए, जो सिर्फ सुनने के लिए नहीं, बल्कि लोगों की जुबान पर चढ़ने और गुनगुनाने के लिए प्रेरित करें। उनका मानना है कि मौजूदा दौर के कई गाने इस कसौटी पर खरे नहीं उतरते।


