नई दिल्ली, ब्यूरो। पाकिस्तान का नाम जेहन में उभरते ही एक बात सामने आती है। हमारे हिन्दुस्तान का सबसे बड़ा दुश्मन। जी हां, लेकिन डरने की कोई जरूरत नहीं है। भारत बहुत शक्तिशाली देश है। एक इंटेलिजेंस रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत हर समस्या से निपटने के लिए सक्षम है। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद भी हाल ही में कह चुके हैं कि भारतीय सेना चाहे तो सिर्फ 7 दिन में पाकिस्तान को हरा सकती है। भारत और पाकिस्तान दोनों ही परमाणु हथियारों से लैस हैं। सैन्य शक्ति में दोनों ही ज्यादा मजबूत होने का दावा करते हैं। पाकिस्तान पर 7 दिन में जीत हासिल की जा सकती है…बस, जीत के मायने पहले तय करने पड़ेंगे। अगर भारत चाहे तो बिना एक भी गोली चलाए पाकिस्तान को हराया जा सकता है। मॉडर्न वॉरफेयर के मायने आज बदल गए है। 16 दिसंबर, 1971 की ये तस्वीर पाकिस्तान की हार का प्रतीक बन चुकी है। तस्वीर में पाकिस्तान के लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियाजी सरेंडर के इंस्ट्रुमेंट पर दस्तखत करते दिख रहे हैं। भारत ने अपने इतिहास में दो पड़ोसियों के साथ ऐसे युद्ध लड़े हैं जो एकतरफा निर्णायक माने जाते हैं। पहला युद्ध 1962 में चीन से हुआ था। ये लड़ाई रुक-रुक कर करीब एक महीने तक चली थी। अंत में चीन ने युद्ध विराम की पेशकश की थी जिसे भारत ने स्वीकार कर लिया था। इसे ही इंटरनेशनल कम्युनिटी में भारत की हार के तौर पर देखा जाता है। ठीक इसी सिद्धांत पर 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध में भारत जीता था। युद्ध 3 दिसंबर, 1971 को शुरू हुआ और 16 दिसंबर, 1971 को पाकिस्तान ने सरेंडर कर दिया था। लेकिन ढाका में सरेंडर के बावजूद पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान से जंग जारी थी। उस वक्त प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान को युद्ध विराम की पेशकश की, जिसे पाकिस्तान ने स्वीकार कर लिया था।