Iran News: ईरान और इजराइल के जंग के बीच अब एक ऐसी खबर सामने आ रही है, जो US की हवा टाइट कर सकता है. हाल ही में ईरान और इजराइल के बीच हुई 12 दिनों की जंग के बाद ईरान अपनी वायु सेना को मजूबत करने की कोशिश में जुटा हुआ है. न्यूजवीक की एक रिपोर्ट के अनुसार, कथित तौर पर ईरान रूस से 48 आधुनिक Su-35 लड़ाकू विमान खरीदने जा रहा है, जिसके बाद ईरान की हवाई क्षमताओं में भारी इजाफा देखने को मिल सकती है. इस सौदे की कीमत 7 अरब डॉलर लगभग 58,000 करोड़ रुपये बताई जा रही है.
हैकर्स से मिली जानकारी
ये जानकारी रूस की सरकारी रक्षा कंपनी रोस्टेक से ऑनलाइन लीक के जरिए सामने आई. हालांकि अभी तक ईरानी या रूसी अधिकारियों ने इस बात पर किसी तरह का मोहर नहीं लगाया है. न्यूजवीक की रिपोर्ट की माने तो, ब्लैक मिरर नाम की एक हैकर ग्रुप ने रोस्टेक के 300 से ज्यादा इंटरनल डॉक्यूमेंट्स ऑनलाइन लीक किए, जिसमें हथियारों के सौदों, कीमतों और डिलीवरी की जानकारी दी गई है.
लीक में सामने आई ये बातें
ईरान 48 Su-35 फाइटर जेट विमान खरीदने की योजना बना रही है. ये विमान रोस्टेक की सहायक कंपनी KRET द्वारा बनाए गए एडवांस इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम और एवियोनिक्स से लैस होंगे. Code 364 नाम के एक दस्तावोज में लिखा है कि डिलीवरी 16 से 48 महीनों में पूरी होगी यानी 2026 से लेकर 2028 तक ये विमान ईरान को मिल सकते हैं. इस विमान में “Khibiny-M” नामक इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम भी होगा, जो दुश्मन के रेडार और मिसाइलों से बचाने के लिए डिजाइन किया गया है.
इस सौदे का महत्व क्या है?
यह सौदा ईरान की वायु सेना को काफी मजबूती देने का काम कर सकता है. दरअसल ईरान की वायु सेना पुरानी तकनीकों पर निर्भर है. वहीं हाल ही में हुए इजराइल और अमेरिका के हमलों के बाद इसकी कमजोरियां अच्छे से उजागर हुई थी. Su-35 जैसे आधुनिक फाइटर जेट से ईरान की सुरक्षा, एयर डिफेंस और स्ट्रैटजिक साइट्स की रक्षा क्षमता बढ़ जाएगी. अगर यह सौदा होता है, तो यह रूस के लिए सबसे बड़े आर्म्स एक्सपोर्ट सौदा हो सकता है. इसके साथ-साथ इससे रूस-ईरान के बीच रक्षा सहयोग और गहरा हो जाएगा.
Su-35 की क्षमताएं
Su-35 रूस का सबसे एडवांस्ड फाइटर जेट में से एक है. यह दो इंजन वाला मल्टीरोल विमान है, जिससे लंबी दूरी पर दुश्मन पर हमला करने के लिए डिजाइन किया गया है. इसके इंजन थ्रस्ट-वेक्टरिंग तकनीक से लैस हैं, जिसकी मदद से यह हवा में तेजी से अपनी दिशा बदल सकता है. वहीं इसकी इरबिस-ई रडार की मदद से यह कई टारगेट ट्रैक कर सकता है और 8000 किलोग्राम तक की मिलाइलों और बमों को ले जा सकता है. आपको बता दें, Su-35 अमेरिका के F-15E, F/A-18E/F और यूरोफाइटर टाइफून जैसे विमानों को टक्कर दे सकता है.
रूस-ईरान के बढ़ते रक्षा संबंध
रूस-ईरान के बीच की इस समझौते ने दोनों देशों के बीच के बढ़ते रक्षा संबंधों पर मोहर लगा दी है. आपको बता दें, इससे पहले भी हाल ही में ईरान ने रूस से MiG-29 फाइटर जेट लिए थे. इसके अलावा इस साल की शुरुआत में दोनों देशों ने व्यापक रणनीतिक साझेदारी पर ईरान-रूस संधि पर हस्ताक्षर किए.
रोस्टेक लीक में अल्जीरिया का जिक्र
चौंकाने वाली बात ये है कि लीक हुए रोस्टेक दस्तावेजों में “Code 012” नाम की भी जिक्र है, जो कि अल्जीरिया से जुड़ा हुआ हो सकता है. इस फाइल में 12 Su-57E स्टील्थ फाइटर विमानों और Su-34 एयरक्राफ्ट सपोर्ट किट का भी जिक्र है, जो कि 414 मिलियन डॉलर का है. अगर ये बात सच साबित होता है, तो अल्जीरिया पांचवी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों को रखने वाला पहला अफ्रीकी देश बन जाएगा.
रूस के घटते हथियार निर्यात
रूस के घटते हखियार निर्यात के बीच कथित Su-35 सौदा की खबर सामने आई है. जेम्सटाउन फाउंडेशन के अनुसार, 2021 से 2024 के बीच रूस के हथियार निर्यात में 92% गिरावट दर्ज की गई है, जो कि यूक्रेन युद्ध और पश्चिमी प्रतिबंधों का असर है. ऐसे में अगर ईरान और अल्जीरिया जैसे देशों के साथ ऐसे सौदे होते हैं, तो ये रूस की रक्षा इंडस्ट्री के लिए बहुत अच्छा है.
क्या होगा आगे?
अब तक रूस या ईरान ने इस सौदे को लेकर किसी तरह की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है. लेकिन अगर ये सच होता है तो यह मिडिल ईस्ट के लिए हवाई तालक साबित होता और अमेरिका और इजराइल जैसी देशों के लिए चुनौती.
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